बालश्रम
बालश्रम
बाल श्रम है,
एक अभिशाप।
जो भी करवाते,
उनसे काम ,
वो है,
पाप का भागीदार।
बच्चे तो हैं,
देश का भविष्य।
उनकी सही,
जगह है स्कूल।
वो तो हैं,
इस देश का मूल,
उनका जीवन हो अनुकूल।
बाल श्रम है,
एक सामाजिक समस्या।
और हैं राष्टीय समस्या,
बाल मजदूर मजबूर है,
अपने परिवार की मदद करना,
उसका दस्तूर है।
पैसे के आभाव में,
करना पड़ता उसको काम।
कभी मज़बूरी तो ,
कभी जबरदस्ती करना ,
पड़ता उसको काम।
बच्चों को अगवा करके,
उनसे भीख मंगवाया जाता है,
और उनसे जानवरों जैसा,
काम करवाया जाता हैं।
दिन रात करवाते उनको काम,
एक छन का भी नहीं ,
उनको आराम।
वो हो जाते हैं बेबस,
उनका जीवन हो जाता नीरस
बीता बचपन लौट ना आये,
आओ हम बचपन बचाये।
बच्चों का भविष्य बनाना होगा,
बाल श्रम को मिटाना होगा।