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Priyanka Gupta

Abstract

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Priyanka Gupta

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अस्तित्व

अस्तित्व

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अगर मेरी असहमति को तहस नहस होते देख रही भीड़ का हिस्सा हो तो ,

मोमबत्ती जलाकर सड़कों पर भीड़ इकट्ठी करने मत आना।

अगर न्याय के लिए बार बार मुझे ही सवालों के कटघरे में खड़ा करते हो तो ,

दोषी के लिए कठोर दंड मांगने मेरे साथ खड़े होने मत आना।

अगर मुझ पीड़िता की आँखों में सदा शर्मिंदगी और दर्द का समंदर देखना चाहते हो तो ,

अपराधी के लिए अपनी आँखों में घृणा लेकर मत आना।

अगर स्त्री की योनि मात्र को माना है तुमने अपने घर की इज़्ज़त तो ,

मेरे अस्तित्व की कीमत पर उस इज़्ज़त को बचाने मत आना। 


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