अस्तित्व
अस्तित्व
अगर मेरी असहमति को तहस नहस होते देख रही भीड़ का हिस्सा हो तो ,
मोमबत्ती जलाकर सड़कों पर भीड़ इकट्ठी करने मत आना।
अगर न्याय के लिए बार बार मुझे ही सवालों के कटघरे में खड़ा करते हो तो ,
दोषी के लिए कठोर दंड मांगने मेरे साथ खड़े होने मत आना।
अगर मुझ पीड़िता की आँखों में सदा शर्मिंदगी और दर्द का समंदर देखना चाहते हो तो ,
अपराधी के लिए अपनी आँखों में घृणा लेकर मत आना।
अगर स्त्री की योनि मात्र को माना है तुमने अपने घर की इज़्ज़त तो ,
मेरे अस्तित्व की कीमत पर उस इज़्ज़त को बचाने मत आना।