अपने अंदर डूब जा
अपने अंदर डूब जा
ध्यान के विशाल सागर में,
कभी गहरा गोता लगाकर
सद्ज्ञान पाने हेतु, आत्मा की
गहराई से ख़ुद को झाँककर
आध्यात्मिक जागृति से, अपने मन के
बहते पानी के अंदर डूब जा
मोह की डोर छोड़कर ख़ामोशी
की नाँव पर होकर सवार
कल्पनाओं के तूफ़ाँ में,
बिना विचारों की लिए पतवार
पवित्र कर आत्मा, ईश्वर का
प्रकाश रूपी किनारा पाकर।