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Sudhirkumarpannalal Pratibha

Inspirational

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Sudhirkumarpannalal Pratibha

Inspirational

अहसासो में है प्रेम

अहसासो में है प्रेम

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शब्दों

में नहीं

अर्थ में

छुपा है

प्रेम

बोल में

नहीं

भाव में

छुपा है

प्रेम

गीत में

नहीं

संगीत

में

छुपा है

प्रेम

हंसी

में नहीं

रूदन में

छुपा है

प्रेम

गुदगुदी

में 

नहीं

कष्ट 

में

छुपा है

प्रेम

प्रेम

सुख में

नहीं

दूख में 

छुपा है

प्रेम

प्रेम

अपने

प्रेमी में

p>

नहीं

खुद में

छुपा है 

प्रेम

दिन में

नहीं

रात के

घुप्प

अंधेरे में

छुपा है

प्रेम

सुबह की

चाय में

नहीं

उस

चाय की

गर्माहट

में

छुपा है

प्रेम

यह

शातिर 

चोर है

जितना

ढूंढो

उतना

हीं

छुप

जाता

है प्रेम

बस

अहसासों

में

अपनी

उपस्थिति

का

अहसास

कराता हैं

प्रेम।


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