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Rohit Mehrotra

Inspirational

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Rohit Mehrotra

Inspirational

आओ आज बेवजह ही खुश होते हैं

आओ आज बेवजह ही खुश होते हैं

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आओ आज बेवजह ही खुश होते हैं.

जब जाना है सब कुछ छोड़कर तो

आखिर क्यों हम इतना रोते हैं

धन दौलत के पीछे हम

कितने रिश्तो को खोते हैं,


जब अपनी काया भी नहीं अपनी

तो क्या यह जमीन जायदाद भी अपने होते हैं

सच्चा सुख चैन छोड़कर,

धन को ही बस यहां जोड़कर

अपने कोमल से मन में हम कितना बोझ ढोते हैं।


ढूंढते हैं खुशी सामानों में,

जीते हैं खोखले अरमानों में आखिर

क्यों हम इतने तनावों को लेकर

कांटों के बिस्तर पर सोते हैं।


झूठे दिखावे और गुरुर के

बीज क्यों हम अपने मन में बोते हैं

थोड़ी सी असफलता मिलते ही,

हम भगवान से भी रुष्ट होते हैं

क्यों नहीं जितना है उतने में

हम सन्तुष्ट होते हैं


आओ एक पल के लिए

हम बेवजह ही खुश होते हैं।


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