आख़िरी कॉल
आख़िरी कॉल
इश्क था तुमसे वफ़ा भी थी मेरे हर वादे में सच्चाई भी थी।
चाहा था हर बार तुझे तेरे सिवा मेरे कोई खुदाई ना थी
तू ही थी बस मेरा समुंदर तन्हा रातों में तू ही परछाई थी
घड़ी थी हाथ पर मेरे पर उसका सारा समय तुझी को जाता था
आईने में मुझे अक्स तेरा नजर आता था
इश्क को मेरे तू बदनाम कर गई जलते हुए अंगरो पर अकेला छोड़ गई
सह लेता में हर दर्द एक बार कुछ बता तो देती
थी कोई दिक्कत तो समझा तो देती क्यों ..क्यों तू ऐसे चली गई
बस एक लास्ट मैसेज पर अलविदा कह गई ज
ब किए मैंने बारंबार फोन तुझे उनके से इक ना लगा
यह नम्बर बन्द है हर बार बस इतना सुना ही
जब छोड़ना ही था ऐसे ..तो क्यों ज़िन्दगी में आई थी
मासूम से दिल में मेरे क्यों जागह बनाई थी
आज भी तेरी आखिरी कॉल की रिकॉर्डिंग बार बार सुनता हूं
आएगी तू वापस अपनी मोहब्बत पर इतना यकीन रखता हूं
जब मन चाहे वापस आ जाना
आज भी अपनी हर सांस में सिर्फ तेरे नाम रखता हूं।

