आज़ाद सोच आबाद हिन्दुस्तान
आज़ाद सोच आबाद हिन्दुस्तान


नमन है, सलाम है
उन देश रक्षकों को शत शत प्रणाम है
यू खड़े हैं सरहद पर डट कर वो
मेरे देश की इक यही पहचान है।।
सलाम है उनके परिवारों को
जो छूने दिया उन्हे ये पैग़ाम है
ना मौत का डर ना अपनी फ़िक्र उन्हें
अपने देश की इक यही पहचान है।।
हुआ आज़ाद देश तो क्या
वक्त है सोच को आज़ाद कराने का
यूँ कहने से ही नहीं देश बदलता
वक्त है ये बात उठाने का ।।
ना कोई आंच आए औरत पर
इस बात को बढावा दिलाने का
देश के साथ सोच भी आज़ाद हो
वक्त है उन बुरी बातों को दफनाने का।।
ए वतन मेरे आबाद रहे तू
मेरा शत शत प्रणाम है
कैसे भूल जाऊँ उन कुर्बानीओं को
सर झुका कर, आँख उठा कर सलाम है।।