आज की नारी
आज की नारी
सुनो ज़रा गौर से ये मेरी आवाज़ है
कुछ अलग है, कुछ नया है कुछ
हटके अंदाज़ है
मुझे जाने तू, पहचाने तू,
पर फिर भी अनजान है
तेरी सोच से परे, मेरी अपनी
अलग शान है
चाहे पहनू जीन्स या साड़ी,
पर दिल सी हूँ संस्कारी
सुनो ज़रा गौर से, मैं हूँ २०२० की नारी
ये समाज है अत्त्याचारी,
पैट्रिअरकि की बीमारी
समझे मुझे कमज़ोर,
सोचे बनु आज्ञाकारी,
वजूद अपना बचा के रखूँ ,
नज़रें ऊपर उठा के चलू ,
ख्वाबों को पूरे करने की ज़िद्द
अपने सर पर है सवारी,
सुनो ज़रा गौर से, मैं हूँ २०२० की नारी
अपनी मर्ज़ी से मैं जीना चाहूँ,
अपने लाइफ रूल्स खुद बनाऊं,
अपनी मेहनत से नाम शोहरत कमाऊं,
अपनी हुनर से खुद की पहचान बनाऊं,
किसी के आगे हाथ फैलाऊं
मेरी ऐसी न कोई लाचारी
सुनो ज़रा गौर से, मैं हूँ २०२० की नारी
मुझ पर अपना हुक्म चलाओ,
ना मैं इतनी बेचारी,
ठोकरें खाके ही मैंने सीखी दुनियादारी,
अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाऊं ,
अपने हक़ के लिए लड़ मर जाऊँ,
ना सहूंगी ना चुप रहूंगी,
चाहे कह लो मुझे क्रांतिकारी,
सुनो ज़रा गौर से, मैं हूँ २०२० की नारी
तुम सुनो ज़रा गौर से मैं हूँ आज की नारी ....
