आज का पर्यावरण|
आज का पर्यावरण|
पेड़-पौधो, जीवों से बनती है, सुंदर प्राकृति,
इतना ही नहीं इसमें शामिल हैं, मनमोहक खगों की आकृति।
लेकिन हम इंसानों में नहीं है. इसमें अच्छी दृष्टि,
दिन-ब-दिन विनाश की गोद में समा रही है, सृष्टि ।
कुछ लालची लोगों के कारण कट रहे हैं, वन लगातार,
इनकी रक्षा के लिए बलिदान दे गए है, सौ-सौ के पार ।
ये पता नहीं इनकों की करे, प्रकृति का सम्मान,
आगे का नहीं सोचते, जंगलों को जलाकर करते हैं, अपमान ।
प्राकृति का तुम मानों उपकार
बिन ऑक्सीजन के हो जाओगे लाचार ।
चलो अब ये छोड़ो खुद की गलती मानो, करों खुद को साकार,
जिंदगी की मोड़ बदलकर तुम बनो, पर्यावरण का भागीदार।
----Me_Rikesh