वक्त के हाथों ना जाने कितने कुर्बान हो गए जो कभी शानदार इमारत थे,खंडहर के निशान हो गए! वक्त के हाथों ना जाने कितने कुर्बान हो गए जो कभी शानदार इमारत थे,खंडहर के निश...
अब बेवजह खुद से उलझता नहीं मैं ऐसी उलझन हूँ जो सुलझता नहीं। अब बेवजह खुद से उलझता नहीं मैं ऐसी उलझन हूँ जो सुलझता नहीं।
कभी जो राह भूल जाओ तो मुझे तुम याद कर लेना। कभी जो राह भूल जाओ तो मुझे तुम याद कर लेना।
टुटे फुटे अल्फाज़ जोड़ कर कुछ लिखा है अपने आप में खुद ग़ज़ल है अधूरा सा चांद। टुटे फुटे अल्फाज़ जोड़ कर कुछ लिखा है अपने आप में खुद ग़ज़ल है अधूरा सा चांद...
मिला कुछ नहीं किसी की सलतनत में रहा अकेलापन ही मेरी विरासत में. मिला कुछ नहीं किसी की सलतनत में रहा अकेलापन ही मेरी विरासत में.
यह ख्वाब हैं टूटे अगर तो हम भी बिखर जाएंगे। यह ख्वाब हैं टूटे अगर तो हम भी बिखर जाएंगे।