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भोजपुरी पारंपरिक होली गीत 5 -स

भोजपुरी पारंपरिक होली गीत 5 -स

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सिया दिहली मलवा राम गले डाली

खूब भावे जनकपुर

स्वंबर रचावे जनक जी

बड़े बड़े राजा जुटले जनकपुर

ज़ोर लगाई न तोड़ले धनुषवा जनकपुर

रावण भी हारी सिर नवावे जनकपुर

स्वंबर रचावे जनक जी

मुनि विश्वामित्र संगवा राम-

लक्षमन मिथिला मे अइले

फुलवा लोढ़त भेंट सिया

राम मिथिला मे भईले

दोनों नैना से नैना लड़ावे जनकपुर

स्वंबर रचावे जनक जी

जनकनंदनी सिया शिव पारवती के पूजे

बगिया से चुनी चुनी फूल मलवा मे गूँथे

मिलिहे राम वर उनके हाथ

जोड़ी मनावे जनकपुर

स्वंबर रचावे जनक जी

गुरु के चरणीया मे सिरवा झुकाई

शिव ध्यान करी राम लिहले धनुषवा उठाई

तोडी धनुषवा राम शिव गोहरावे जनकपुर

स्वंबर रचावे जनक जी

अइले फगुनवा खेल होली राम अयोध्या

रंग अबीर लेई खेले भरत तोडी तपस्या

लखन बजरंगी संगी होलिया खेलावे जनकपुर


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