Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Yogita Takatrao

Drama

4.6  

Yogita Takatrao

Drama

मेरी पड़ोसन दीदी

मेरी पड़ोसन दीदी

3 mins
3.1K


उस दिन भी मेरी पड़ोसन के घर से, जोर शोर से चिल्लाने और मार पीट की और मेरी पड़ोसन की सिसकी भरे रोने की आवाज़ आ रही थी। मुझे नहीं पसंद थी ये आवाज़। मेरा दिल दहल उठता इन आवाज़ों से। नफरत होतीं थी, कोई ऐसे कैसे कर सकता है ? अपनी ही कोख से जनी औलाद के साथ ? 

मेरी पड़ोसन दीदी के साथ रोज के रोज यही हादसा होता था, फिर भी उसके चेहरे पर एक भी शिकन नहीं  और सदा दीदी का प्यार भरा हँसमुख चेहरा, आज भी याद आता है। बहुत सहती थी दीदी पर क्यूँ ? ये बात समझ नहीं आती थी। एक दिन मैंने मौका देख, दीदी से पुछा, दीदी क्यों सहते हो यह अन्याय ? पढ़ी लिखी हो आप, कहीं पर भी आपकी नौकरी लग जाएगी और अन्याय भी नहीं सहना होगा। चली जाओ दीदी घर छोड़ कर। 

इस पर दीदी का जवाब था, गयी थी मैं एक बार घर छोड़ कर अपनी जान देने, क्यूँकि मुझे लगता था रोज थोड़ा थोड़ा मरने से अच्छा, मैं एक ही बार मर जाऊं पर मेरा ये फैसला कायनात और किस्मत को शायद मंजूर न था। मेरे घर छोड़ कर जान देने की बात सिर्फ मैंने मेरी एक जिगरी दोस्त को बतायीं, उसके लाख समझाने पर भी मैंने मेरा फैसला नहीं बदला तो उसने अपने प्रेमी को यह बात बतायी जिनका नाम अमित है। अमित भैया ने मुझे बहुत अच्छे से समझाया की घर से बाहर की दुनिया कई गुना ज्यादा बेरहम, मुश्किल और मुसीबत से भरी हुई हैं। तुम घर में ज्यादा सुरक्षित हो, तो क्या हुआ तुम्हारी मानसिक स्थिति से बेहाल माँ तुम्हें मानसिक और शारीरिक रूप से घायल करती है। देखो सुलभा तुम वाकई अच्छी लडकी हो और मैं नहीं चाहता तुम्हारे साथ बाहरी दुनिया में कोई भी दर्दनाक हादसा हो। तुम मुझे अपना बडा भाई ही समझो। मैं तुम्हें वचन देता हूँ, अगर आज घर जाने के बाद भी तुम्हें मेरी बातें गलत लगे तो बेझिझक मुझे वक्त बेवक्त कभी भी बेशक एक कॉल कर देना, मैं मेरी छोटी बहन को अकेले नहीं छोडूंगा, मैं तुरंत तुम्हें लेने आ जाऊंगा और तुम्हें जिस लडके के साथ जीवन व्यतीत करना है उसी लड़के के साथ तुम्हारी शादी भी करवा दूंगा। बस आज मेरी बात मान लें बहना और तुम्हारी शादी हो जायेगी बहुत जल्द बस ६ माह या १ साल ही तो ये पीड़ा निकालनी है।

बस फिर अमित भैया ने मुझे समझा कर पूरे सम्मान के साथ घर तक छोड़ दिया। घर आते ही माँ ने बहोत बुरी तरह पीटा पर अब मुझे वो मुझे पहले जितनी पीडा न दे पाईं क्यूँकि पापा ने सीधे सीधे बोल दिया- अगर दोबारा घर छोड़ने की कोशिश की तो हम सब खुदखुशी कर लेंगे। सिवाय सहते रहने के मेरे पास कोई चारा ही नहीं था पर इस बात की तसल्ली थी मुझे की कोई इस दुनिया में अब है, जो मेरी एक पुकार सें दौड़ा चला आयेगा, मेरा कोई अपना, भाई।

मैं ये सब बातें सुनकर हक्की-बक्की रह गई, जहाँ जरासी डाँट फटकार पड़ते ही, जरा जरा सी बातों पे नाराज होने वाले, जान देने की बात करने वाले, आजकल के किशोरावस्था के लड़के लड़कियों को मेरी पड़ोसन इक सबक जैसे ही हैं नहीं।

जो इतना सहने के बाद भी जी रही है। आज उसका इक अच्छा सा परिवार है, बिलकुल परियों वाली कहानी सा और इक बात अब वो अन्याय हरगिज़ नहीं सहती है क्यूँकि सारे दिन वैसे ही नहीं होते। हालात जरूर बदलले रहते हैं, बस जीने की आस बनाईं रखे, मेरी पड़ोसन दीदी की तरह।



     



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama