मुझमे मरता क्या है?
मुझमे मरता क्या है?
जो बांहो में है वो मेरा है, अंजुमन में मेरी छुपा क्या है?
सारे जहां की जो रखता हूँ खबर, राज़ मेरा बता क्या है?
समझ मे कहां आते है वो लोग जो तूफान से इश्क करते है
मैंने तुझसे ही कर लिया अब इसमें मेरी ख़ता क्या है?
मैं ही हीरा मैं ही मोती मैं ही केशव मैं ही मीरा हो गया
इश्क ही कर लिया तो पागल होने को बचा क्या है?
मेरा चैन औ सुकून मेरी इबादत मेरा जूनून, क्या छोड़ा?
सब लूट लिया जालिमा बचाने को बचा क्या है?
तुझको निहार निहार घरबार सब दूर गया आंखों से,
आंखों में मेरी बस तू है, तेरे सिवा दिखता क्या है?
खुले बालो में देखा था, मर गया था उसी दिन,
तेरा चेहरा देखकर अब भी मुझमे मरता क्या है?