प्यासे सपने
प्यासे सपने
कवि भी हैं, गीतकार भी हैं
किसी की आँखों का सपना भी हैं
किसी के लिये बेक़रार भी हैं।
किसी की आब भी हैं
किसी की प्यास भी हैं
हम अपनी इस आदत से शर्मसार भी हैं।।
कवि भी हैं, गीतकार भी हैं
किसी की आँखों का सपना भी हैं
किसी के लिये बेक़रार भी हैं।
किसी की आब भी हैं
किसी की प्यास भी हैं
हम अपनी इस आदत से शर्मसार भी हैं।।