raghav Vairagi

Drama

3  

raghav Vairagi

Drama

साइड इफ़ेक्ट

साइड इफ़ेक्ट

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आज खुशी का दिन है, भले ही मुझे मेरे घर से निकाल दिया हो लेकिन फ़िर भी खुश हूँ मे क्योंकि आज मेरी जननी ! मेरी माँ का जन्मदिन है ! 

(रात के 11:15 बजे। )

क्यों ना एक कविता माँ के लिए भी लिख दू उनके जन्मदिन के शुभ अवसर पर। 

हो सकता हे वो मुझे फ़िर बुला ले अपने पास !

11:50 pm

हाश! कविता तो ख़त्म हो गयी ओर पूरा विश्वास हे कि ये माँ को जरुर पसंद आएगी। 

वैसे आज तो राहुल का भी जन्मदिन है तो क्यों ना आज उसकी याद मे एक पेग लगाया जाये !

(मैं फ़िर फ़्रिज से बोतल निकाल कर तैयारी में जूट जाता हूँ |

12:00 am

12"00 तो बज गये !

जल्दि से माँ को जन्मदिन की बधाइ देता हूँ ओर साथ ही अपनी कविता भी उनको भेज देता हूँ! 

मैं मोबाइल को हाथ मे लेकर चेहरे पर एक मुस्कान के साथ व्हाट्सप खोलता हूँ |

मैंने जेसे ही मोबाइल खोला तो उसमे पहला मेसेज मेरे भाई का था। ! उसमे लिखा था। 

तेरी हरकतो ने पहले माँ का दिल तोडा था ओर आज उन्होने अपना दम तोडा हे। 

खबर पडते हि मै टुट चुका था,मेरी आँखो मे आसु आने लगे। मेरे सामने ही पडे उस भरे हुए पेग को मेने बिना देर करते हुए गटक लिया

सामने दुसरा पेग जो दोस्त के लिए था वो भी में गटक गया। 

मुझे इतनी तकलिफ़ इतना दर्द हो रहा था कि मे पुरी बोट्ल ही पि गया। !

मुझे रोना नहीं आया था शायद इसलिए गम को मिटाने मुझे ओर नशे की जरुरत थी। 

मुझे याद आया की मेरे बेग मे एक कोकिन कि पुडिया रखी थी जो मेरे दोस्त कि थी। 

मैंने तुरंत बेग टटोला ओर उस कोकिन को नाक के द्वारा शरीर मे उतार लिया |

कोकिन लेते हे मेरा सर चकरा ने लग गया ओरे मै बेड पर बेठ गया 

मैं नशे मे भंड हो चुका था। 

मेरी एसी हालत पहले कभी नही हुइ थी। 

मैं अपने पर्स को निकाल कर अपनी माँ की फोटो को देखता जा रहा था ओर इधर उस फोटो पर मेरे आँसू गिरते जा रहे थे। 

फ़िर मेने बची हुई दारू भी गटक लि जो उस बोटल मे बची थी। 

उसके बाद मे एसा का एसा बिस्तर पर लेट गया ओर आंख बन्द कर ली। 

करीब 5 घन्टे बाद। 

मैं उठा ओर बाथरुम मे लगे हुए आइने के सामने खडे हो कर बोला। 

बहुत मजा आया ना तूझे नशा करके। 

आखिर मिला क्या तुझे नशेडी बन कर। 

वहाँ तेरी माँ के आसु दिन रात जमिन को गिला करते थे। 

तेरा बाप का लटका चेहरा रोज समाज के सामने मजाक बनता था

तेरे भाइ को लोग नशेडी का भाई बुलाते थे। 

चल माना तुझे इन सब से प्यार नहीं था। 

पर नित्या का क्य।?

वो तो तेरी लाडली थी ना। उसके मुह से भैया सुनने के लिए तू पिछले 15 दिनो से तरस रहा था ना

अब तू उम्र भर तरसेगा। 

अब जा कर खुद को आखिरी बार देख तो ले !

क्योंकि जब तेरे घर वालो को पता चलेगा उसके बाद तो ये शरीर अब राख मे बदल जाएग। 

मेरी आंखों मे आसूँ थे। 

मैं अपने आप से ही घृणा करने लग गया था। 

मुझे मेरी ही लाश देख कर गुस्सा आ रहा था। 

मैं कर भी क्या सकता था। कल रात मैंने ड्र्ग्स का ओवरडोज जो लिया था।


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