Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
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shagun yadav

Drama

3  

shagun yadav

Drama

रीज़न व्हाई आई लॉस्ट लव !

रीज़न व्हाई आई लॉस्ट लव !

4 mins
159


वो दिन मुज्यह आज बी जब मेरी पहली मुलाकात एके मंदिर में हुई थी ! उसकी आखो में जससे कोई जादू हो ,वो कांजी आखो वाले लड़केन्यह जससे डिल ही छिन्न लिया हो। में बस उसकी ऑर् देखे ही जा रही थी पर वक्त इतना ही था की बस में उससे दुर्र से ही निहार लू। मेरी उससे जान्ने की इच्छा और बड्ड गयी !

आज कल की इस सोशल नेटवर्किंग दुनिया में लोग कहि न कहि तो मिल ही जाते है यह सोच कर मैंने उससे फेसबुके पर सर्च मरना शुरू किया। उसका तो पता नहीं पैर मेरी बात एके राहुल नामें के लड़के से हुई। मैंने उससे रिक्वेस्ट बजी और वो कुछ दिनों में एक्सेप्ट हुई,

मैंने उससे पूछा "क्या आप व्ही हो जो मेको उस दिन मंदिर में मिले थे" उसने बड़ी देर सोचने के बाद रिप्लाई दिया "नहीं में वो नहीं जिससे आप शायद ढूंढ रही है", मैंने बस ओके कहै के लोग आउट कर दिया। अगले दिन खोल के देखा तो और भोत से सवाल देखे मने, फिर मैंने उनका जवाब देना शुरू किया, ऐसे हमारी बाते आगे बढ़ने लगी। हमें एके दूसरे को जाने लगे और रोज़ बाते होने लगी,

यह सब कुछ इतना अच्छा लगने लग गया मानो एके दिन बी बात न हो तो ऐसा लगता था कितने साल बीतत गए हो। मुझे नहीं पता था यह प्यार था या और कुछ पैर एके बात तो है वो फीलिंग अलग ही थी, हमारी बाते आगे और बढ़ने लगी उसका एयर फाॅर्स का एग्जामें क्लियर हुआ, और उसके बाद मेडिकल भी। में बस दिन रात दुआ करती रहती बस जल्दी से उसकी जोइनिंग आ जाए। एक दिन मुझे पता लगा उससे ड्रिंके और स्मोके करने की आदत ह, मैंने बहुत समजाया उससे की ये सब छोड़ दे, पर वो समझने के लिए त्यार ही नहीं था। आखिर में मैंने कुछ दिन उससे बात करना कमें कर दिया। एके दिन में मेरे पड़ोस में मुझसे ६ साल छोटी लड़की को उसके होमवर्के में हेल्प करने गयी,

क्युकि में उससे अपनी बहन सी भी बढ़कर मानती थी, तो उस्सने मुझसे पूछा आप इतनी मुरझाई हुई सी क्यों लग रही हो , उस वक्त मेरा दिमाके कामें नहीं कर रहा था। ... मैंने यह नहीं देखा की मेरे सामैंने कितनी छोटी लड़की ह, मैंने अपनी बहन समज के सब कुछ बता दिया उससे। और वो मुझे ऐसे समजाने लग गयी जससे वो मेरी बड़ी बहन हो, फिर उस्सने बोलै "आप मुझे उन् भइया के नो. दो, में बात करुँगी उनसे " मैंने मना किया उसे की वो ऐसा कुछ न करे पैर वो अपनी ज़िद पर अड्डी रही, मैंने भी गुस्से में आ के उसकी नोटिब्बोके प नो. लिख दिए। कुछ दिन गुज़ारे मेरी किस्से से बात नहीं हो रही थी , अचानके से मुजे कॉल आया और वो कॉल मेरी बहन के पापा का था।

रात के करीब ११ बज रहे थे, में उनके घर गयी अनक्ले ने मुझसे पूछा "बेटा ये राहुल कोण ह", में उस वक्त शोके में थी, अब में बताऊ तो बताऊ क्या, मुझे कूद पर ही रोना आ रहा था। मैंने पूछा "बात क्या हो गयी अनक्ल" फिर उन्होने बोला की " ये दीपिका रोज़ उससे बात करती है और नो. भी किसी लड़कीके नामें से सेव ह"। में व्ही की व्ही बस बथि रहै गयी, मुजे विशवास नहीं हुआ की ये व्ही छोटी सी लड़की है जिसे मैंने सब कुछ बताया था।

मुज्ये नहीं पता था की मेरी पीठ पीछे ये सब हो रहा ह। मैंने जसै त्से बात को घुमा फिरा के खत्में किया। डिल तो तब टुटा जब मेरी राहुल से बात हुई और वो कहने लगा "की में तेरी बहन से प्यार करता हूँ और उसी से शादी करूँगा वो तुजसे कई गुणा सूंदर है " में कुछ बोलने के लायके नहीं रही, फिर भी मैंने कहा "वो छोटी है, तुमें ऐसे कसे कर सकते हो " पर वो बात सुनने को तैयार ही नहीं था। उसके बाद हमारी कभी बात नहीं हुई। मेरे लिए वो रात इतनी दर्दनाक थी आज भी भुलाना मुश्किल है।


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