पराया आशियाना
पराया आशियाना
चलिए माजी अंदर चलिए
वॉचमैन ने माजी का हाथ पकडकर कहा
तुम कौन हो और मे क्यों चलू तुम्हारे साथ अभी मेरा बेटा आएगा
अच्छा तो आपका बेटा आया था छोड़ने के लिए
वो पानी लेने के लिए गया है अभी आजाएगा
मेरी बात सुनिए बारिश का मौसम है कभी भी बारिश आ सकती है आप अंदर चलिए
ये कौन सी जगह है, और तुम मुझे कहा लेजा रहे हो, माजी नें कहा
ये बुढ्ढाआश्रम है, वॉचमैन ने कहा
आपका बेटा आपको यहां छोड़कर गया है
नहीं मेरा बेटा मुझे क्यों छोड़ेगा वो तो मुझे कितना प्यार करता है और मेरी बात भी सुनता है मुझे नहीं आना तुम्हारे साथ अभी आजाएगा मेरा
बेटा, तुम जाओ यहां से अपना काम करो
ठीक है आपकी मर्ज़ी, लेकिन यहाँ के दरवाजे खुले है आप जैसे लोगो के लिए , वॉचमैन ने कहा
रात से सुबह हो गयी लेकिन , माजी का बेटा उसे लेने के लिए आया नहीं।
वो रातभर सोचती रही, क्या मे इतनी बोझ थी उसपे
जो मुझे पराए कि चौखट पे छोड़ गया। क्या मे इतनी लावारिस हूँ, कि अब मुझे दुसरों का सहारा लेना पड़ेगा मालूम होता कि बड़ा होकर ये करेगा तो किसी अनाथालय मे छोड़ देती हिसाब बराबर होजाता,
लेकिन खुशी थी उनके आनेकी मोहल्ले मे मिठाई बाटी थी, अपने सपनों को भुलाकर उसके सपने पुरे किये थे अगर पता होता कि उनमे से एक ये सपना है तो कभी ना पालती।
