मोह करे तो किस से ?
मोह करे तो किस से ?
तुम्हारे जीवन में ऐसा क्षण जरूर आएगा, जब तुम खुद से यह सवाल करोंगे मैंने जिंदगी जी कर क्या कर लिया ? मैं जिंदगी भर किस चीज को पाने के लिए अतृप्त था? किस मोह के पीछे भागता रहा धन, दौलत, प्रसिद्धि या फिर कुछ और ? तब क्या तुम इन प्रश्नों का उत्तर दे पाओगे ?
यह बात कड़वी है पर सच 'नहीं' तुम नहीं दे पाओगे ! पता है क्यों ? क्योंकि तुमने जीवन भर उसी चीजों से मोह किया जिनका अस्तित्व तुम्हारे शरीर के साथ मिट जाएगा।
पर अब प्रश्न पड़ता है कि मैं मोह करो तो किससे ?
मोह उसी से करो जो सिर्फ मरते दम तक या ऑक्सीजन मास्क पर टिके रहने तक ही नहीं, किंतु मरने के बाद भी तुम्हारे साथ हो, और पता है वह कौन है? केवल ईश्वर! जब तक तुम उससे प्यार नहीं करोगे तुम्हारा जीवन व्यर्थ है। हम यह तो जानते हैं कि मृत्यु की कोई दवा नहीं होती, पर जो हमारे हर तरह के जख्म पर मरहम लगा सकता है वह केवल ईश्वर है।
छोड़ दो इस मायावी सृष्टि का मोह, और सिर्फ उसी ईश्वर से प्यार करो, उसके नाम में चीनी की तरह खुल जाओ।
