Sanjeev Jaiswal

Children

2.5  

Sanjeev Jaiswal

Children

लाइव टेलीकास्ट

लाइव टेलीकास्ट

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तहलका प्रकरण के पश्चात दूरदर्शन के समाचार चैनलों में भ्रष्टाचारियेां की पोल खोलने की होड़ लग गयी थी। ज्यादातर सेटलाईट चैनलों ने इसके लिये अपनी विशेष बेवसाईट खोल ली थीं। वे दर्शकों से अनुरोध करते थे कि अगर उनकी जानकारी में कहीं पर कोई भ्रष्टाचार हो रहा हो तो वे इन बेवसाईटों पर ई-मेल कर दें। उसके बाद उस चैनल की कैमरा टीम सबको बेनकाब कर देगी।

       संकल्प को भ्रष्टाचारियों और समाज विरोधी तत्वों से बहुत चिढ़ थी। उसने ऐसी सभी बेवसाईटों के पते नोट कर रखे थे। कुछ दिनों पहले उसने अपनी कालोनी में स्थित एक सरकारी कार्यालय के बेईमान अधिकारी के बारे में जी-न्यूज वालों को जानकारी भेजी थी। उसके बाद जी-न्यूज के संवाददाता भेष बदल कर उस बेईमान अधिकारी से मिले थे और उसकी सारी करतूतों को रिकार्ड कर लिया था। रिश्वत लेते हुये उस अफसर के जीवंत चित्र जब जी-न्यूज पर प्रसारित हुये तो सरकार ने उसी दिन उस अधिकारी को निलम्बित कर दिया था और संकल्प को पुरस्कार देने की घेाषणा की थी। जी-न्यूज वालों ने संकल्प का इंटरव्यू भी प्रसारित कर दिया था जिसके कारण संलक्प काफी लोकप्रिय हो गया था।

        दो दिनों पश्चात संकल्प की ममेरी बहन की शादी थी। इसलिये उसके मम्मी-पापा उसके छोटे भाई को लेकर दूसरे शहर चले गये थे। संकल्प की वार्षिक परीक्षायें नज़दीक थीं इसलिये वो घर पर ही रूक गया था। रात 11 बजे तक पढाई करने के पश्चात वो सोया ही था कि कुछ आहट पाकर उसकी नींद खुल गयी।

       उसने उठ कर दूसरे कमरे में झांका तो उसके होश उड़ गये। दो चोर उस कमरे में रखा कीमती सामान बटोर रहे थे। पहले संकल्प ने सोचा कि शोर मचा दे फिर उसे लगा कि ये ठीक नहीं होगा। घर में वो अकेला है और चोर 2 हैं। वे लोग उसे नुकसान पहुंचा सकते है।

       ‘चलो टेलीफोन करके पड़ोसियों को जगा दिया जाये’ संकल्प ने सोंचा किन्तु वह मन मसोस कर रह गया। क्योंकि टेलीफोन उसी कमरे में था जिसमें चोर सामान बटोर रहे थे। चोरों को देख कर उसका खून खौल रहा था किन्तु वह बेबस पक्षी की तरह तड़प रहा था। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करे।

       अचानक उसे ध्यान आया कि कम्पयूटर तो उसी के कमरें में लगा है। बिना एक पल गंवाये उसने कम्पयूटर को खोल लिया। चंद क्षणों पश्चात ही कम्पयूटर डेस्कटाप पर विभिन्न प्रोगाम के शार्ट-कट दिखायी पड़ने लगे। संकल्न ने माउस की सहायता से स्क्रीन पर बने तीर को इंटरनेट प्रोग्राम पर ले जाकर क्लिक कर दिया। हल्की सी पीं.....की आवाज हुयी और स्क्रीन पर इंटरनेट की फाईल खुल गयी

       संकल्प को कई इंटरनेट कम्पनियों के पते ज़ुबानी याद थे। उसकी ई-मेल फाईल ‘याहू’ की बेवसाईट में थी। ‘याहू’ दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट कम्पनी है। संकल्प की उंगलियां तेजी से कम्पयूटर के की-बोर्ड पर चलने लगीं। चंद पलों में ही उसकी ई-मेल की फाईल खुल गयी।

       उसने बिना एक पल गंवाये संदेश टाईप करना शुरू किया ‘‘मैं संकल्प कक्षा 8 का विद्यार्थी इस समय घर में अकेला हूं। हमारे घर में 2 चोर घुसे हुये है। कृपया मेरी मदद करिये। मेरा पता है बी/1 लोदी गार्डन, नयी दिल्ली’’

        इस संदेश को उसने एक-एक करके जी-न्यूज़, स्टार-न्यूज़ और आज-तक की बेवसाईटों पर ई-मेल के माध्यम से भेज दिया। इसके बाद वह कम्पयूटर बंद करके मदद की प्रतीक्षा करने लगा।

   धीरे-धीरे काफी समय बीत गया लेकिन कोई भी मदद के लिये नहीं आया। संकल्प अब परेशान होने लगा था। उसे सबसे बड़ा डर इस बात का था कि चोर कहीं उसके कमरे में न आ जायें। लेकिन चोरों को शायद उस कमरे में संकल्प की उपस्थित की जानकारी थी इसीलिये वे उस कमरे में नहीं आये और दूसरे कमरों से कीमती सामान बटोरते रहे।

        मतलब भर का सामान बटोरने के पश्चात दोनों चोरों ने गठरियां बांधी और इत्मिनान से खिड़की के रास्ते घर से बाहर निकलने लगे। संकल्प हाथ मलता रह गया। वो चाह कर भी उन्हें रोंक नहीं पाया।

        उधर संकल्प के मम्मी-पापा जहां शादी में गये थे वहां कुछ बच्चे देर रात में टी.वी पर पिक्चर देख रहे थे। अचानक फिल्म रूक गयी और टी.वी. पर उद्घोषिका का चेहरा उभरा। उसने दर्शकों को अभिवादन करने के बाद कहा, ‘‘हमारी कैमरा टीम इस समय एक विशेष अभियान पर गयी हुयी है। हम पहले आपको उस अभियान का लाईव टेलीकास्ट अर्थात सीधा प्रसारण दिखाते हैं। फिल्म का शेष भाग उसके बाद दिखाया जायेगा। धन्यवाद।’’

        इसी के साथ उद्घोशिका का चेहरा गायब हो गया और स्क्रीन पर संकल्प के घर के बाहरी हिस्से का दृश्य उभरा। घर के बाहर हाथ में माईक पकड़े एक संवाददाता खड़ा हुआ था। उसने माईक पर धीमे स्वर में कहा,‘‘दोस्तो, आज हम लोग आपको जो कार्यक्रम दिखाने जा रहे है वैसा कार्यक्रम आज से पहले दुनिया के किसी भी देश में नहीं दिखाया गया होगा। इस समय इस घर के मालिक शहर से बाहर गये हुये हैं और इस घर में इस समय कुछ खास मेहमान आये हुये हैं। तो आईये देखते हैं कि हमारी और हमारी साथी न्यूज-चैनलों की टीमें इन मेहमानों का कैसे स्वागत करती है।’’

        इतना कह कर वो संवाददाता कैमरे के सामने से हट गया और टी.वी. पर एक बार फिर संकल्प के घर का दृश्य दिखायी पड़ने लगा। संकल्प के मौसी के लड़के मानस ने उस घर को पहचान लिया था। वो दौड़ता हुआ दूसरे कमरे में मेहमानों के साथ बात कर रहे संकल्प के पापा के पास पहुंचा और उत्तेजनावश हांफते हुये बोला,‘‘मौसा जी, मौसा जी टी.वी. पर आपके घर का सीन दिखाया जा रहा है।’’

        ‘‘बेटा, वो किसी और का घर होगा। मेरे घर में आज तक कोई शूटिंग नहीं हुयी है।’’ संकल्प के पापा ने हंसते हुये कहा।

         ‘‘नहीं मौसा जी, वो आपका ही घर है। टी.वी.वालों ने बताया है कि वे वहां का लाईव टेलीकास्ट दिखाने जा रहे है। ऐसा कार्यक्रम आज से पहले कहीं नहीं दिखाया गया है’’ मानस ने जोर देते हुये कहा।

         संकल्प के पापा मानस की बात मानने के लिये तैयार नहीं थे लेकिन उसकी मम्मी उत्सुकता वश मानस के साथ चली गयी। अगले ही पल उनकी चीख सुनायी पड़ी, ‘‘जल्दी आईये। ये अपना ही घर है।’’

         सभी लोग दौड़ कर टी.वी. वाले कमरें मे पहुंचे। टी.वी.स्क्रीन पर संकल्प के घर का दृश्य दिखाया जा रहा था। अचानक एक कमरे की खिड़की पर कुछ हलचल मालुम हुई। अगले ही पल कैमरा उस खिड़की पर टिक गया और वहां का दृश्य बिल्कुल साफ दिखायी पड़ने लगा।

        खुली हुयी खिड़की से एक व्यक्ति ने सिर निकाल कर इधर-उघर झांका। चारों ओर छायी शांति को देख वो इत्मिनान से बाहर निकल आया। अगले ही पल खिड़की पर दूसरे व्यक्ति का चेहरा दिखायी पड़ने लगा। उसने एक-एक करके गठरियां बाहर खड़े व्यक्ति को पकड़ना शरू कर दीं।

      ‘‘अरे ये तो चोर है। मेरा पूरा घर लूट कर लिये जा रहे हैं और ये टी.वी. वाले मूर्ख चोरों को पकड़ने के बजाय चोरी का लाईव टेलीकास्ट कर रहे है’’ संकल्प के पापा गुस्से से मुट्ठियां भींचते हुये चीख पड़े।

      ‘‘हाय, जल्दी से पुलिस को फोन कीजये वरना ये चोर सब कुछ लेकर चम्पत हो जायेगें’’ संकल्प की मम्मी रोते हुये बोलीं।

       संकल्प के पापा ने टेलीफोन के रिसीवर को उठाया ही था कि वे करीब आकर रोते हुये बोलीं,‘‘पहले मेरे बेटे के बारे में पता कीजये कि वो ठीक से है या नहीं।’’                     

       संकल्प के पापा ने अपने घर का नम्बर मिलाने से पहले एक बार टी.वी. की तरफ देखा तो चौंक पड़े। खिड़की से उतरने के बाद दोनों चोरों ने गठरियां उठायी ही थीं कि बाउंड्री वाल के पीछे छुपे कई कैमरामैनों और संवाददाताओं ने उन देानों को घेर लिया।

       ‘‘श्रीमान जी, हमारे दर्शक यह जानने के लिये बेकरार हैं कि आप देानों ने इस घर में किस-किस सामान की चोरी की है। क्या आप लोग अपनी गठरियों को खोल कर हमारे दर्शकों को दिखाना पसंद करेगें’’ एक संवाददाता ने अपना माईक एक चोर के मुंह के सामने करते हुये पूछा।

        ‘‘सर, क्या आप लोग अकेले ही आपरेट करते हैं या आपका कोई नेटवर्क है?’’ एक अन्य चैनल के संवाददाता ने अपना प्रश्न दाग दिया।

        ‘‘सर, क्या आप लोग सिर्फ चोरियां ही करते हैं या फिर डाके वगैरह भी डालते है?’’ पीछे खड़े एक संवाददाता ने पूछा।

        ‘‘सर, पहले आप हमारे दर्शकों को यह बताईये कि चोरी जैसा महान कार्य करने की प्रेरणा आपकों कहां से मिली’’ एक महिला संवाददाता ने आगे बढ़ते हुये पूछा।

         इतने सारे लोगों को देख कर चोर पहले ही हक्का-बक्का हो गये थे। ऊपर से प्रश्नों की बौछार ने तो उनके होश फाख्ता कर दिये। अपनी-अपनी गठरियां फेंक कर दोनों वहां से भाग लिये।

        ‘‘भाईयों-बहनों, आप लोग सोच रहे होंगे कि ये दोनो चोर यहां से भाग जायेगें। जी नहीं, आपका अंदाज़ा गलत है। हमने इनके स्वागत की पूरी तैयारी कर रखी है’’ टी.वी. पर उस महिला संवाददाता की जोश भरी आवाज़ गूंजी।

        इसी के साथ कैमरा भाग रहे चोरों पर टिक गया। वे दोनों बाउंड्री के पास पहुंच कर उस पर चढ़ने की कोशिश कर ही रहे थे कि दोनो के मुंह पर एक-एक फौलादी घूंसा पड़ा और इसी के साथ बाहर से उछल कर कई पुलिस वाले भीतर आ गये।

         इससे पहले कि वे दोनों कुछ समझ पाते पुलिस वालों ने लात-घूसों से उनकी पूजा शुरू कर दी। दोनों चोरों की चीख गूंजने लगी।

       शोर सुन कर संकल्प ने खिड़की से बाहर झांका। पुलिस वालों को देख वो बाहर निकल आया। संकल्प को देखते ही एक संवाददाता ने उसकी पीठ ठोंकते हुये कहा,‘‘शाबाश बेटा, हम सबको ई-मेल पर तुम्हारा संदेश मिल गया था। हम लोग फटाफट पूरी तैयारी से यहां आ गये। इस समय यहां घटित हो रही सारी घटनाओं का लाईव टेलीकास्ट टी.वी. पर हमारे दर्शक देख रहे है।’’

          पूरी बात सुन संकल्प का चेहरा गंभीर हो गया। उसने कहा,‘‘अंकल, आप लोगों ने दर्शकों को तो लाईव टेलीकास्ट दिखा दिया लेकिन हमारी मदद नहीं की। ये भी नहीं सोचा कि अंदर मैं अकेला हूं अगर इन चोरों ने कुछ कर दिया तो फिर मेरा तो डेड-टेलीकास्ट ही होता।’’

‘‘बेटे, हमने सबसे पहले तुम्हारी सुरक्षा के बारे में ही सोचा था’’ उस संवाददाता ने स्नेह से संकल्प के सिर पर हाथ फेरते हुये कहा।

        ‘‘अगर सोचा था तो फिर हमारी सुरक्षा के लिये कुछ किया क्यूं नहीं’’ संकल्प झल्ला उठा

       ‘‘कौन कहता है कि हमने कुछ नहीं किया। हम लोग सिर्फ घटनाओं को भुनाते नहीं हैं बल्कि सुरक्षा को पहला महत्व देते हैं वो देखो अपने घर के रौशनदानों की तरफ’’ महिला संवाददाता ने संकल्प के करीब आते हुये कहा।

      संकल्प ने ऊपर की तरफ देखा। हर कमरे के रौशनदान के पास पुलिस के कमांडो अपने हाथ में रिवाल्वर थामे मुस्तैद खड़े थे। अगर चोरों ने उसके साथ कोई भी हरकत करने की कोशिश की होती तो वे तत्काल उन्हें अपना निशाना बना लेते।

        यह देख संकल्प के चेहरे पर राहत के चिन्ह उभर आये। उसने सभी संवाददाताओं की ओर हाथ जोड़ते हुये कहा,‘‘आप लोग मेरा संदेश मिलते ही मदद के लिये चले आये इसके लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।’’

    ‘‘बेटे, धन्यवाद तो हम लोगों को देना चाहिये क्योंकि तुमने आज टी.वी. की दुनिया को एक नयी दिशा दी है। न्यूज़-चैनलों की सहायता से भी चोरों को पकड़ा जा सकता है। आज से पहले किसी ने कभी सोचा भी नहीं था। इस लाईव-टेलीकास्ट को इस समय लाखों लोग देख रहे होंगें और करोड़ों लोग कल देखेंगे। अपने सभी दर्शकों से हमारा अनुरोध है कि अगर वे अपने आस-पास कोई संदिग्ध घटना देखें तो हमारी बेवसाईट पर अवश्य सूचना भेज। जनता की सेवा के लिये हमारी बेवसाईट चौबीसों घंटे खुली रहती है। नमस्कार’’ एक वरिष्ठ संवाददाता ने कहा और इसी के साथ टी.वी.स्क्रीन पर दिखायी पड़ने वाले दृश्य गायब हो गये।

        अगले ही पल स्क्रीन पर उद्घोषिका का चेहरा उभरा। उसने मुस्कराते हुये कहा,‘‘दोस्तों, हमें विश्वास है कि आपको हमारा ये लाईव-टेलीकास्ट पसंद आया होगा। इस बिल्कुल ही नये तरीके के कार्यक्रम के लिये हम अपने नन्हें दोस्त संकल्प को एक बार फिर धन्यवाद देते हैं और फिर देखते हैं फिल्म का शेष भाग।’’

        फिल्म एक बार फिर शुरू हो गयी थी। सभी के चेहरे पर राहत के चिन्ह उभर आये थे। संकल्प के पापा ने इत्मिनान से संकल्प को फोन मिला कर बधाई दी फिर अपने बहादुर बेटे से मिलने कार से उसी समय अपने घर की ओर चल पड़े।

                                                                                                                               .....


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