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varsha sagdeo

Drama

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कोरोना एक सिक्के के दो पहलु

कोरोना एक सिक्के के दो पहलु

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मनाली सुबह सारे काम निपटाकर, हाथमें गरमागरम चाय का कप लिए बालकनी में आराम से बैठीथी। इतने में फोन बजा। फोन उसके चचेरे भाई उमेश का था। उसने बताया लता चाचीजी बहोत बिमार है सुपर सी.टी अस्पताल में अॅडमीट है।

मनाली चकरा गई, अभी पिछले हफ्ते ही तो मुलाकात हुई थी,उनकी भांजी की शादी मे। कितनी सजधज के आई थी चाचीजी, बड़ी खुश थी। वैसे भी लता चाची का स्वभाव बड़ा मिलनसार था। सबके उनसे काफी अच्छे संबंध थे।मनाली ने सोचा आज ही शाम को आनंद के साथ चाची से मिल आयेगी। पता नही चाचीजी कैसी होंगी ?

उसने लता चाची की बेटी मालिनी से बात करने की ठानी।काफी देर के बाद मालिनी का फोन लगा। मालिनी ने जो कुछ बताया वो सुनके,उसके पाँव तले की जमीन ही खिसक गई।

  लता चाची की हालत बहुत ही गंभीर थी।उन्हे वेन्टीलेटर पर रखा गया था। उनका कोरोना वायरस टेस्ट पॉजीटिव थी, इतना ही नही चाचाजी, मालिनी और उसका भाई, तीनो पॉजीटिव थे। और उनको भी अलग अलग क्वारेंनटाइन किया था। डॉक्टर ने पिछले दो हफ्ते मे जितने लोग उनसे मिले थे सबकी टेस्ट करने के लिये कहा है। यह सब सुनकर मनाली काफी बैचैन हो गई।वह और आनंद दोनो भी इस बिमारी की चपेट में हो सकते है। उसने सोचा हमारी कामवाली बाई और उसके परिवार की भी जांच करानी होगी। वह भी पिछले हफ्ते से हमारे संपर्क में है। शाम को आनंद के आते ही मनाली ने उसे सारी बाते बताई।आनंद भी चिंता ग्रस्त हो गया। फिर दोनो अस्पताल गये, चाचीजी तो आ.सी .यू . मे थी. उन्होंने डाॅक्टर से बात की। उनके दोनो के एवम् कामवाली बाई के पुरे परिवार की टेस्टिंग की व्यवस्था की। तभी उनके ध्यान मे आया पिछले दो सप्ताह में चाचीजी बहुत लोगोंसे मिली थी उनका क्या ?

 डाॅक्टर साहब ने उनकी इस जागरुकता के लिए उन्हे शाबाशी दी और कहा शादी में वे सबसे तो गले नही मिली होगी फिर भी जो लोग उनके संपर्क में आये है उनका टेस्ट करना जरूरी है,एवम् सबका क्वारेंनटाइन होना आवश्यक है। आप सबको फोन करो और परिस्थिति की गंभीरता से उनको अवगत कराओ। चाचीजी तीन मीटिंग मे भी गई थी और अपने घर में किटी पार्टी भी की थी। उस वक्त उनको थोड़ा सर्दी जुकाम भी था। उन्होंने उसकी परवाह किए बिना एवमू अपने आसपास के लोगों की परवाह किए बिना अपने सारे कार्यक्रम किये थे। उनकी इस लापरवाही की वजह से तकरीबन 1500 लोगो के बाधित होने की आशंका बन गई थी। मनाली और आनंद ने बाकायदा छुट्टी लेकर सब से संपर्क किया, परिस्थिती की गंभीरता से अवगत कराया और खुद की जांच कराकर अगर नेगेटीव्ह हो तो घर पर ही आइसोलेशन की सलाह दी।तकरीबन पचास लोग तो अभी ही पॉजीटिव निकले, उन्हे क्वारेंनटाइन सेंटर मे रखा गया।

नवदंपति तो हनीमून के लिए जा चुका था,और वहाँ और कितने लोगों को बाधा होगी राम जाने!

देखा दोस्तो ! कितना आवश्यक है घर के अंदर ही रहना 

चाचीजी के शौकिया मिजाज ने और जरा सी लापरवाही ने, उनकी जान तो ले ही ली। पर पती एवं बच्चे भी गंभीर रूप से बीमार हो गये, और हजारो लोगो को खतरे में डाल दिया सो अलग। दुसरी और आनंद और मनाली ने वक्त पर टेस्ट करवाकर एवम् सभी संशयीत लोगों की जांच की व्यवस्था करवा के जागरुक नागरीक का फर्ज निभाया। इसी दौरान दोनों ये भी नहीं भूले थे कि वो भी आइसोलेशन में है।चौदह दिनो के बाद दोनो की कोरोना की जांच नेगेटिव आई। और उनकी जिंदगी रोजमर्रा की तरह चलने लगी।

दोस्तो ......

हमारे पास तीन चोइस है, तय हमे करना है !

घर मे रहना....अस्पताल मे रहना ....या फोटो फ्रेम मे रहना......


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