Nishant Mishra

Children

3  

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हीरे का लालच

हीरे का लालच

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किसी गांव में एक किसान रहता था। वो बहुत मेहनत करता था। अपनी मेहनत और लगन से वो कुछ पैसे अपनी मां और अपनी पत्नी को दे दिया करता था। बाकी बचे पैसों को वो इकट्ठा करता था। उसे हीरा खरीदने का एक सपना था। 


कुछ वर्ष बीत गए वो किसान अपने घर में एक ईमानदार नौकर रखा और अपने कारोबार को आगे करने के लिए किसी शहर चला गया। वहाँ भी उसने खूब मेहनत करी और वो शहर से एक अपने लिए हीरा लाया और वो अपने मन में बहुत खुश होते हुए घर पहुंचा। घर पहुंचने के बाद उसके मन में लालच जाग गई। वो सोचने लगा कि मैं इतना तो कमा ही लिया हूं। अब मुझे कमाने की जरूरत नहीं। ये सोच कर वो हीरा अपने घर में ही जमीन खोद कर वहाँ गाड़ दिया। और अपने काम में आलस करने लगा धीरे धीरे वो गरीब होने लगा। पर रोज शाम को वो अपने हीरे को देखने के लिए एक बार जरूर जाता। वो हीरे को देखने के चक्कर में घर में पैसा देना बंद कर दिया और अपने फटे पुराने कपड़े पे आ गया। गांव वालों ने उसे बहुत समझाया कि कुछ कपड़े ले ले पर वो किसी की नहीं सुना


कुछ वक्त के बाद गांव वालों ने उसे उसके घर में देख लिया और पूरे गांव में शोर हो गया। एक दिन उस वक्त किसान अपना हीरा देखने जा रहा था। उस रात नौकर ने भी सोच रखा था की आखिर राज क्या है जो मालिक उस वक्त वहाँ जाते है कल सुबह मैं भी उनके पीछे जाऊंगा। किसान के पीछे वो नौकर भी जाने लगा कुछ पल बीतने के बाद जब किसान ने जमीन खोद कर देखा तो उसकी आंख हीरे की वजह से चमक गई। और वो खुश हो गया। नौकर मन ही मन सोचने लगा अच्छा तो ये राज है जिसकी वजह से ये फसल पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। 

किसान हीरा देख कर चला गया दो दिन बीतने के बाद नौकर ने किसान से छुट्टी का आग्रह किया। वो किसान उसे अनुमति दे दी। इतना बोल वो नौकर अपने घर का सामान पैक करने लगा। और वहाँ से भाग गया। अपने उसी वक्त पे किसान दोबारा हीरे की तलाश में निकला पर वहाँ उसे हीरा नहीं मिला वो बिलख कर रोने लगा। कुछ वक्त के बाद गांव वाले आए और उससे कहा पैसा दोबारा कमाया जा सकता है पर आलस की वजह से जितना नुकसान हुआ है उसे नहीं कमाया जा सकता। और लालच कभी भी नहीं करनी चाहिए। किसान अपने मन में ही बोला लालच बुरी बला हैं। 


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