Vimla Jain

Tragedy

4.7  

Vimla Jain

Tragedy

गुप्त समाज की गुप्त बातें

गुप्त समाज की गुप्त बातें

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एक गुप्त समाज एक ऐसा संगठन है जिसकी गतिविधियों, घटनाओं, आंतरिक कार्यप्रणाली या सदस्यता को छुपाया जाता है। समाज अपने अस्तित्व को छिपाने का प्रयास कर भी सकता है और नहीं भी। 

यह शब्द आमतौर पर गुप्त समूहों को बाहर करता है, जैसे कि खुफिया एजेंसियां ​​या गुरिल्ला युद्ध विद्रोह, जो अपनी गतिविधियों और सदस्यता को छिपाते हैं लेकिन सार्वजनिक उपस्थिति बनाए रखते हैं।

मेरे को ऐसा लगता है और ऐसा देखा भी गया है जो समाज के अंदर अपना मुखौटा एकदम सभ्य लोगों का रखते हैं, होते हैं एकदम बदमाश, चालू टाइप। ऐसे लोग आतंकवादी गतिविधियों वाले लोग, अंडरवर्ल्ड के लोग, जिनके बारे में आप सोच भी नहीं सकते हैं कि यह ऐसा भी कर सकते हैं।समाज में रहकर समाज को दीमक की तरह खा जाने वाले लोग इस समाज का हिस्सा होंगे।इसी पर मेरी एक कहानी जो एकदम सच्ची है।

वह लड़का अपने मां-बाप की दूसरी संतान था।गांव के ही एक करीब के रिश्तेदार जिन्होंने मुंबई में जाकर अपना बहुत अच्छा व्यापार जमा दिया था।उसके मां-बाप को अपने विश्वास में लेकर उसको अपने साथ मुंबई ले गए।

थोड़े दिन तो सब ठीक रहा मगर उसको मन में कुछ सही नहीं लग रहा था।उसको लग रहा था हो ना हो यह कोई गैर कानूनी, स्मगलिंग से जुड़े कुछ काम करते होंगे।

युवान खून था मन में खोजी वृत्ति थी‌। और उसको पता भी लग गया कि वह क्या काम करते हैं वह उस काम में जुड़ना नहीं चाहता था।इसलिए उनको उसने बोला मुझे वापस जाना है ।तो जो लेकर आए थे वे रिश्तेदार उसको बोलते हैं तेरे को वापस जाना है हम तेरे को भेज देते हैं। बस तू यह बैग जो है यह उस घर पर लेकर आ जा वहां एक जना मिलेगा और कुछ कोड वर्ड बताया कि उसको दे दे फिर तू आजाद तू अपने घर जा सकता है।

उसने सोचा मेरी आजादी पक्की है चलो मैं यह बैग दे आता हूं, जैसे ही बैग लेकर थोड़ी दूर निकला एक गली में से दो शूटर आए एक ने तो उसके हाथ से बैग छीना और दूसरे ने उसको गोली मार दी और साथ में यह बोला तूने हमारे बॉस के साथ गद्दारी करने की कोशिश करी है। तू उनके राज जान गया अब तेरे को जिंदा कैसे छोड़ सकते हैं और एकदम नजदीकी रिश्तेदार होते हुए भी उसको मार दिया गया। 

उसने मरते हुए भी अपने खून से उस रिश्तेदार का नाम सड़क पर लिख दिया। पुलिस आई और रिश्तेदार को गिरफ्तार किया गया उनका पूरा गैंग पकड़ा गया। सब को जानकर बहुत आश्चर्य हुआ कि कोई जीजा अपने साले को कैसे मरवा सकता है। तो आप किसी पर विश्वास ही नहीं कर सकते हैं। 

उस मासूम की क्या गलती थी। उसको पता लग गया कि सभ्य समाज के अंदर सभ्यता का मुखौटा ओढ़े यह जो उसके रिश्तेदार हैं यह कितने खतरनाक हैं।इसीलिए किसी के भी झांसे में आकर भले कोई कितना भी अच्छा हो अपने बच्चों को उनके साथ में नहीं भेजना चाहिए।

 क्योंकि एक चेहरे पर कई चेहरे लगा लेते हैं लोग।ऊपर से कुछ और अंदर से कुछ होते हैं लोग।

काले कारनामे भी सफेद पोश बनकर जाते हैं लोग।पता लगने पर हत्या भी कर जाते हैं लोग।

संभल के रहिए ऐसे लोगों से जो मीठी मीठी बातें कर आपको बहला-फुसलाकर अपना काम निकाल लेते हैं।

जब कोई मीठे शक्कर घुली बातकरता है तो जरूर उसके मन में कुछ होता है। ऐसा मेरा मानना है यह सोच अलग अलग लोगों की अलग-अलग होती है

आप क्या सोचते हैं मेरा तो यह कहना है अपने बच्चे लड़का या लड़की किसी को भी किसी ऐसी मीठी बातें बनाने वाले रिश्तेदार के साथ ना भेजें।अंजाम कुछ भी हो सकता है अंजाम से बचें क्योंकि सावधानी हटी और दुर्घटना घटी।



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