देने की शक्ति
देने की शक्ति
संसार में प्रत्येक चीज़ की एक शक्ति होती है, कुछ दिखाई देती है और कुछ अदृश्य रूप में कार्य करती है। आज हम जिस शक्ति की बात कर रहे हैं वह अदृश्य रूप में विद्यमान है और वह है - देने की शक्ति अर्थात पॉवर ऑफ़ गिविंग। संसार में प्रत्येक व्यक्ति के पास कुछ न कुछ ऐसा है जिसे बाँट कर वह दूसरों का भला कर सकता है। देने में अपार शक्ति निहित है, हमारे द्वारा स्वेक्षा से किसी जरूरतमंद को दी हुई हर चीज़ उसके जीवन में बहुत मायने रखती है।
हमने अपने जीवन में सभी महत्वपूर्ण चीज़े किसी से पायी ही तो हैं वह भी बिना कोई मूल्य चुकाए - हमे जन्म माता-पिता ने दिया, धरती ने अन्न, नदियों ने जल और हवाओं ने प्राण वायु। क्या इनके बिना हम इस जीवन की कल्पना भी कर सकते हैं? नहीं ना। तो क्यों ना हम भी देश व समाज को वह सभी चीज़ें देना शुरू करें जो हम खुद के लिए चाहते हैं, चाहे वह प्रेम हो, ख़ुशी हो, दया हो, धन हो, प्रोत्साहन हो, मीठे बोल हों, विश्वास हो या प्यार भरी मुस्कान हो।
याद रखिए हम जो कुछ भी देते हैं, वही हमारे पास लौट कर आती है।
देने का तात्पर्य सिर्फ धन से ही नहीं है, अपितु ऐसी किसी भी भौतिक अथवा अमूर्त चीज़ से है जिसे दे कर हम दूसरों के जीवन में खुशियाँ ला सकते हैं। अपने वृद्ध माता-पिता को थोड़ा समय दे कर उन्हें अपार खुशियाँ दे सकते हैं हम, हम अगर शिक्षित हैं तो किसी से अपना ज्ञान बाँट कर उसका जीवन संवार सकते हैं, किसी के अच्छे कार्यों की थोड़ी सराहना कर के उसे और अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।
एक मुस्कुराता हुआ चेहरा किसे पसंद नहीं आता, एक अनजान व्यक्ति के भी चेहरे पर मुस्कान बिखर जाएगी बस एक बार आप मुस्कुरा कर तो देखिये। किसी अनाथ को प्यार से दुलार कर तो देखिये, आपका एक प्यार भरा स्पर्श किसी को आपमें अपने माँ-बाप की छवि दिखा सकता है।
एक व्यक्ति सब कुछ दे कर भी समाज में उतना बदलाव नहीं ला सकता, जितना प्रत्येक व्यक्ति कुछ-कुछ दे कर ला सकता है। तो आइये हम दूसरों को वह देना शुरू करें जो हम खुद अपने जीवन में पाना चाहते हैं। बिना कोई अपेक्षा किये हम खुद इसकी पहल करें। इस ओर एक कदम बढ़ा के तो देखिये, सारा जहाँ आपको अपनी बाहें फैलाये दिखेगा।