अनकही दास्तान पार्ट-४
अनकही दास्तान पार्ट-४
"विकास, अब वो मोटा तुझे पूरे इक्कीस दिन तक जो टेन रूपिस पर डे लौटाएगा, उसे शाम को चुपके से अपने गुल्लक में डाल दिया करना, जिससे तेरे पैसों का स्कैम्प कवर हो जाएगा।" स्कूल की छुट्टी के बाद घर वापस लौटते समय निक्की ने विकास को समझाया।
"थैंक्स निक्की, तूने डेली मेरी मम्मा के दिए टेन रूपिस मेरे गुल्लक की जगह बबलू के जेब में जाने से बचा लिए और मेरे अब तक उसे दिए पैसे भी वापस लौटाने के लिए मजबूर कर दिया। बाइ द वे, ये आॅडियो-रिकार्डर जिसमें तूने बबलू की चीटिंग रिकार्ड की, वो खरीदा कब ?" विकास ने उसका आभार व्यक्त करने के साथ ही एक सवाल भी कर लिया।
"तो तू भी उस मोटे की तरह बेवकूफ बन गया। अरे बुद्धू, वो कोई रियल आॅडियो-रिकार्डर नहीं था, बल्कि मेले में खरीदा गया टाॅय आॅडियो-रिकार्डर था। वो तो मैंने उस मोटे को डराने के लिए बैग से निकालकर उसमें उसकी आवाज रिकार्ड करने का सिर्फ ड्रामा किया था। इनफैक्ट उसमें न कुछ रिकॉर्ड हो सकता हैं और न हीं 'ट्विंकल-ट्विंकल लिटिल स्टार..' के अलावा कुछ बजता है। लेकिन तू किसी को ये बात बताना मत, क्योंकि ये बात फैली और उस मोटे को पता चल गई तो वो तुझसे लिए पैसे नहीं लौटाएगा।"
"ठीक है, मैं ये बात किसी को नहीं बताऊँगा, लेकिन जब वो मुझे सारे पैसे वापस लौटा देगा तो तू उसके सामने अपना रिकार्डिंग डिलीट करने का किया हुआ प्राॅमिश कैसे पूरा करेगी, क्योंकि तेरे पास तो कोई रिकार्डिंग हैं ही नहीं।"
"इसकी चिंता तू मत कर, मैं उस सिच्युएशन को अपने हिसाब से हैंडल कर लूँगी।"
"अरे, लेकिन बता तो सही कि तू करेगी क्या ?"
"करना क्या है, तेरे पूरे पैसे उससे वसुल होने पर कह दूँगी कि वो आॅडियो-रिकार्डर गुम हो गया है।"
"और उसे लगेगा कि तू उसके साथ चीटिंग कर रही तो ?"
"लगने दे, उसे ऐसा लगा तो भी क्या कर लेगा ?"
"वो तुझसे बदला लेगा। तू उसे ठीक से जानती नहीं हैं, उसकी बड़े-बड़े गुंडे टाइप के लड़कों के साथ दोस्ती है और उसके पास एक रिवाल्वर भी हैं।"
"विकास, मैं उससे सिगरेट पीने के लिए दोस्ती रखनेवाले उसके बड़े-बड़े गुंडे टाइप के निकम्मे लड़को को भी जानती हूँ और मैंने उसकी स्कूल के लड़कों को डराने के लिए खरीदी नकली रिवाल्वर भी देखी है, इसलिए मुझे तेरे और स्कूल के बाकी लड़के-लड़कियों की तरह उससे डर नहीं लगता है। अब तू फालतू बातें छोड़ और ये टेन रूपिस लेकर सामने वाली दुकान से एक नारियल ले आ। भगवान जी ने तेरी प्राॅब्लम साॅल्व करने के लिए मांगी मेरी विश पूरी कर दी है, इसलिए मुझे भी अपने प्राॅमिश के एकार्डिंग एक नारियल उन्हें गिफ्ट करना है।
"प्राॅब्लम मेरी साॅल्व हुई हैं तो नारियल के लिए पैसे तू क्यों दे रही है ? मेरे पास भी टेन रूपिस हैं न, मैं उसमें नारियल ले आता हूँ।"
"सुन, प्राॅब्लम भले हीं तेरी साॅल्व हुई हैं लेकिन विश तो मेरी ही पूरी हुई हैं, इसलिए नारियल मेरे पैसों से खरीदा जाएगा।"
"अरे, पर ....।"
"विकास, नो आर्गुमेंट। ये पैसे पकड़ और नारियल लेकर आ और अपने पास के टेन रूपिस सीधे जाकर अपने गुल्लक में डालना।"
"निक्की, तू बिल्कुल मेरी मम्मा की तरह हिटलर है। जो एक बार कह दिया, फाइनल हो गया। ला, दे पैसे।" कहने विकास उसके हाथ से दस का नोट लेकर गुस्से से पैर पटकता हुआ उस दुकान पर चला गया, जिसकी तरफ थोड़ी देर पहले निक्की ने उसे जाने के लिए कहा था।