ज़रा आहिस्ता से गुज़रा करो मेरी गली, बेहिसाब जलते हैं, मेरे घर के चिराग़ तुम्हें देख कर… ज़रा आहिस्ता से गुज़रा करो मेरी गली, बेहिसाब जलते हैं, मेरे घर के चिराग़ तुम्...
जिस्म से ज़्यादा खूबसूरत मन है तेरा मासूमियत है सागर सी। जिस्म से ज़्यादा खूबसूरत मन है तेरा मासूमियत है सागर सी।
कुछ पल को नजरो से दूर जाकर तो देखिए खुद को अपना कहने वालो के भी अंदाज़ बदल जाते हैं कुछ पल को नजरो से दूर जाकर तो देखिए खुद को अपना कहने वालो के भी अंदाज़ बदल जा...
अल्फाजों को न है आवाज़ की ज़रूरत। अल्फाजों को न है आवाज़ की ज़रूरत।
जिसकी मस्ती में देता नर कश्ती को शबाब फीकी पड़ती है तब लाखों बोतल शराब ऐसी लिखता रहे वह जीवन भर... जिसकी मस्ती में देता नर कश्ती को शबाब फीकी पड़ती है तब लाखों बोतल शराब ऐसी ...
डर लगता है कहीं तू ठुकरा न दे मुझे क्यूंकि हम तो चाहते हैं तेरा साथ उम्र भर। डर लगता है कहीं तू ठुकरा न दे मुझे क्यूंकि हम तो चाहते हैं तेरा साथ...