जीते थे आज तक जिन पैसों के लिए आज अपनो के साथ रहना सिखाया! जीते थे आज तक जिन पैसों के लिए आज अपनो के साथ रहना सिखाया!
खेतवा मे सबकर हरियर बियवा ललचाये, परती पड़ल खेतवा हमरो मनवा घबराये। रहता घरवा संगवा रोपती धनवा... खेतवा मे सबकर हरियर बियवा ललचाये, परती पड़ल खेतवा हमरो मनवा घबराये। रहता घ...
शायद इसका भी दिल खो चुका है ये चाँद मुझसे बैरी हो चुका है शायद इसका भी दिल खो चुका है ये चाँद मुझसे बैरी हो चुका है
देह बनी दुल्हन सजी कलाई बाबुल से विदा हुई लाल चूड़ियाँ, देह बनी दुल्हन सजी कलाई बाबुल से विदा हुई लाल चूड़ियाँ,
दुःख - दर्द बाँटना चाहूँ, मुख से कुछ कह न पाऊँ, दुःख - दर्द बाँटना चाहूँ, मुख से कुछ कह न पाऊँ,
देखी सुंदर पुष्प वाटिका मन बहलाने बैठ गया वह देखी सुंदर पुष्प वाटिका मन बहलाने बैठ गया वह