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Diwa Shanker Saraswat

Others

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Diwa Shanker Saraswat

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खेल

खेल

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राजा ने एक खेल रचाया

ना थी कोई रोक किसी को

कोई भी मिल सकता उससे

प्रेमासिक्त बातें कर सकता

अपना हाल सुना सकता

राजा ने एक खेल रचाया

पूरा दिन जनता की खातिर

राजा ने आदेश कराया

कोई प्रहरी रोके ना

जो भी मिलने उससे आये

पर दिन भर का ही समय बताया

राजा ने एक खेल रचाया


एक पुष्पों का आया पुजारी

देखी सुंदर पुष्प वाटिका

मन बहलाने बैठ गया वह

बीत गया फिर दिन सारा

राजा से वह मिल नहीं पाया

राजा ने एक खेल रचाया

एक भोजन का प्रेमी आया

पूरी खीर कचौड़ी मिठाई

देख कर उसका मन ललचाया

बीत गया फिर दिन सारा

राजा से वह मिल नहीं पाया

राजा ने एक खेल रचाया


फिर एक आया दिल फेंक

सुंदर रमणी देख देख कर

भंवरे सा फिर वह मंडराया

बीत गया फिर दिन सारा

राजा से वह मिल नहीं पाया

राजा ने एक खेल रचाया

फिर एक आया निर्मोही

सीधे वह राजा तक आया

हुआ प्रफुल्लित मन उसका

राजा ने जब गले लगाया

निर्मोही ही मिल पाया

राजा ने एक खेल रचाया



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