उड़ान तुम्हारी बाहर-भीतर धरती-अम्बर नदिया-समंदर जीव-चराचर कहां-कहां उड़ा ले जाती जाने मुझको कैस... उड़ान तुम्हारी बाहर-भीतर धरती-अम्बर नदिया-समंदर जीव-चराचर कहां-कहां उड़ा ले ...
कोई भी अमर नहीं कोई भी अमर नहीं
फिर भी ना भरा तेरे लालच का प्याला। वाह रे इनसान फिर भी ना भरा तेरे लालच का प्याला। वाह रे इनसान
जो जग मे प्यार और शांति फैलाती है। इसीलिए वह एक तितली कहलाती हैं। जो जग मे प्यार और शांति फैलाती है। इसीलिए वह एक तितली कहलाती हैं।
ज्ञान में तब क्षमा प्रबल है, क्षमा करना क्या सरल है ? ज्ञान में तब क्षमा प्रबल है, क्षमा करना क्या सरल है ?
यहाँ पग पग पर क्षण-क्षण में मिलते हैं प्रश्न वो भी कहीं और से नहीं अपनी ही अंतरात्मा यहाँ पग पग पर क्षण-क्षण में मिलते हैं प्रश्न वो भी कहीं और से नहीं अपनी...