ए मानव कर सकते हो तुम जो मन में कुछ ठान भी डालो। ए मानव कर सकते हो तुम जो मन में कुछ ठान भी डालो।
वसंत ने ऐसा रूप सजाया अम्बर धरती को ही ताके है। वसंत ने ऐसा रूप सजाया अम्बर धरती को ही ताके है।
बस इसी सवाल में मुझमें तुम सँवर जाता है। बस इसी सवाल में मुझमें तुम सँवर जाता है।
माँ मेरी मुक्ति माँ मेरी भक्ति माँ ही जीवनदान। माँ मेरी मुक्ति माँ मेरी भक्ति माँ ही जीवनदान।
लेकर माँ ने अवतार, किया दानव सँहार। लेकर माँ ने अवतार, किया दानव सँहार।
लेकिन ईश्वरीय उपहार का छोटा सा नाम हैं माँ। लेकिन ईश्वरीय उपहार का छोटा सा नाम हैं माँ।