खयालों में न सही खयालों में न सही
नारी तुम बँधी हो केवल अपने सपनों के संसार से। नारी तुम बँधी हो केवल अपने सपनों के संसार से।
उतार-चढ़ाव के रंग-रूप बदल उम्मीद नई देकर जाता। उतार-चढ़ाव के रंग-रूप बदल उम्मीद नई देकर जाता।
जिन्दगी एक पुस्तक ही पढते रहिए गुण अवगुण को परख के चलते रहिए! जिन्दगी एक पुस्तक ही पढते रहिए गुण अवगुण को परख के चलते रहिए!
उम्र गुज़र गई यह समझने समझाने में; वक़्त तो ठहरा रहता है गुज़रते हैं हम! उम्र गुज़र गई यह समझने समझाने में; वक़्त तो ठहरा रहता है गुज़रते हैं हम!
हमेशा मेरे साथ ही ऐसा क्यूँ होता है जमाना हंसता है और मेरा दिल रोता है।। हमेशा मेरे साथ ही ऐसा क्यूँ होता है जमाना हंसता है और मेरा दिल रोता है।।