तेरे दिल के हर ज़जबातों में मैं खुद को पाना चाहूँगी। तेरे दिल के हर ज़जबातों में मैं खुद को पाना चाहूँगी।
हम मनाते तो है हर वर्ष रामनवमी और जलाते हैं दशहरा में उन राम की ही तरह एक पुतला रावण का , पर कभी ... हम मनाते तो है हर वर्ष रामनवमी और जलाते हैं दशहरा में उन राम की ही तरह एक पुतल...
मरकर भी जैसे अमरता का वरदान पा जाते हैं। मरकर भी जैसे अमरता का वरदान पा जाते हैं।
सागर को भी गर्त का संज्ञान लेना चाहिए, कष्ट को भी कष्ट का एहसास होना चाहिए | सागर को भी गर्त का संज्ञान लेना चाहिए, कष्ट को भी कष्ट का एहसास होना चाहिए |
खत्म हो जाता है एक दिन सबकुछ। खत्म हो जाता है एक दिन सबकुछ।
अमरत्व की आकांक्षा क्योंकर होती है अमरत्व की आकांक्षा क्योंकर होती है