STORYMIRROR

Gordhan Suthar

Inspirational

4  

Gordhan Suthar

Inspirational

ज़िंदगी की गणित

ज़िंदगी की गणित

1 min
155

रात में एक सपना देखा

जो सपने में पूरा हो गया


सुबह जब नींद खुली तो

लगा कुछ अधूरा रह गया


मन से किया सवाल जब

उसने कहा समझो हो गया


पर मैंने कुछ किया ही नहीं

अरे सोचा इसलिए हो गया


पर मेहनत रास्ते तय नहीं

समझो यह सब भी हो गया


क्या करना है कुछ पता नहीं 

अरे मन ने सब कुछ कर लिया।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational