याद है
याद है
याद है अब भी
किस्से वो यारी के
सलीके वो जीने के
दिन वो बेफ़िक्री के
बेवजह कुछ करते
यूँही सबसे लड़ते
नियमों से अनजाने
आज़ाद इस ज़माने
ख़्वाब हैं अब भी
आँखों में वो बचपन के
इरादे इस जवानी के
सुन्दर एक सपने से
देखना मंज़िलें पा जायेंगे
किस्से सबको सुनाएंगे
आगे इससे अब
राहे अपनी बनाएंगे।