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Siddharth Jethva

Abstract

3.9  

Siddharth Jethva

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वो नौकर हे लोगों का ...

वो नौकर हे लोगों का ...

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वो नौकर हे लोगों का पर

 सब उसे राजा समझते है।

वो सबका काम करता है

पर सभी से उनकी जान को ही खतरा है  

वो है राजा क्योंकि उसने सभी का

दिल ईमानदारी से जीता है।


वो लोगों को स्वीकार करता है

और लोग उसका अनादर करते हैं

वो लोगो का भूखा हैं और

सब पैसों का समझ बैठे हैं।


उसके लिये सभी एक जैसे हैं

पर सभी के विचार से काम करता है

वो सबके काम और स्वभाव को

जानकर समजने लगा हैं।


क्योंकि उसके सामने इतने सवाल होते हैं

जिनके जवाब उसको देने ही होते है

और एक तरीके से अच्छा ही है

उसके सामने जो भी है

वो उनको उनकी जवाबदारी और

सही न्याय को दीखाता है

ताकी वो सबका ध्यान रख सके।


वो है तो आम ही लेकिन

अपने काम की वजह से खास हैं

उसने पूरे मेहनत के साथ

सबको विश्वास दिलाया तो हैं

और साथ में उसे जीता भी है।


वो अपने काम को अपना लक्ष्य बनाता है

पर काम में गलती से गलती हो जाये

तो सब उसको गलत मान लेते हैं

उसने कोशिश की थी पर काम नहीं हो

सकता उस समय में तब भी वो क्षमा मांगता है।


वो नौकर है लोगों का पर

सब उसे राजा समझते हैं।


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