devendra kashyap nidar social poet

Abstract

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devendra kashyap nidar social poet

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वीरांगना फूलन वन्दना

वीरांगना फूलन वन्दना

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इंसाफ ज्ञान देने वाली, हे ! फूलन मईया नमस्कार।

अभिनन्दन तुमको बार बार, अभिनन्दन तुमको बार - बार।।

हे ! फूलन मईया नमस्कार...............................


वंचित का मान बढ़ा करके, भारत का मान बढ़ाया है।

जो मूक बने थे सदियों से, वाणी से उन्हें सजाया है।।

अपराध मिटाने की आशा, उर में भरती हो बार बार।।

हे ! फूलन मईया नमस्कार...............................


पहले झेला पीड़ाओं को, फिर पीड़ाओं का हरण किया।

जिसने था जुल्म किया तुम पर, फिर उनकी ढ़ंग से खबर लिया।।

आचरण तेज से सबक़ सिखा, साहस करती हो धारदार।।

हे ! फूलन मईया नमस्कार.................................


तुम क्रांति सूर्य सी आभा हो, तुमसे वंचित आलोकित है।

भग जाते भय के भूत सभी, जो करे तुम्हें अभिनन्दित है।।

बिछुड़ों को सदा मिला करके, बन गयी एकता सूत्रधार।।

हे ! फूलन मईया नमस्कार...............................


तेरे साहस को देख - देख, जनता ने संसद पहुँचाया।

सम्मान मिले पीड़ित जन को, इस हेतु सदन में चिल्लाया।।

शेरनी भाँति तुम चलती थी, मानवता का करती प्रचार।।

हे ! फूलन मईया नमस्कार.................................


साहसी बाम की सूची में, है अखिल विश्व चौथा नम्बर।

दुष्टों के हृदय कांपते हैं, बस तेरा नाम दिव्य सुनकर।।

है निडर बनाती मनुजों को, बतलाती जीवन भव्य सार।।

हे ! फूलन मईया नमस्कार................................

        


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