STORYMIRROR

Alina Falak

Abstract Inspirational

3  

Alina Falak

Abstract Inspirational

उत्तम पुरुष

उत्तम पुरुष

1 min
44

 निर्मल मन मुस्कान बिखेरे आत्मसात बन जाए

जब देखे भक्तों की पीड़ा नीर समर छलकाए

शत्रु  पर  प्रहार  करे और क्षमा दान बरसाए

ऐसे हृदय परम् पूज्य ही  राम चन्द्र  कहलाए

कुप्रथा का कलंक मिटा कर शौर्य युग दिखलाए

सब का मालिक एक है जग में संतों को सिखलाए

निर्धन का दुःख दूर करे निर्जन को गले लगाए

ऐसे निपूर्ण निःस्वार्थ सारथी बाबा साई कहलाए

इस्पर्श के जिससे रोग मिटे जो मृत्यु से लड़ जाए

निर्लज में भी प्राण भरे ज्योति की अलख जलाए

मानवता की राह में जो हँस कर सूली पर चढ़ जाए

वही मसीहा दया के सागर ईसा मसीह कहलाए

अक्षर वाणी प्रेम में जिनके दुःख में भी मुस्काए

जिनके क़दमों की आहट से धरती सुगंधमय हो जाए

एक  प्रभु  के  समक्ष में जो शीश झुके बतलाए

संदेश  के  अंतिम दूत  मोहम्म  पैग़म्बरे  कहलाए



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract