तू सांवली है
तू सांवली है
परखे गए हर क़दम पे,
हर क़दम पे पूछा गया,
क्यों नहीं तू औरों सी गोरी,
हर बार ये पूछ कर
अंदर से झकझोरा गया ...
वो कहते है कि तू सांवली है,
तेरा रंग गेहुँआ है,
चाहे कुछ भी कर लें तू,
लेकिन सांवले रंग से कहां
कोई जुड़ा है,
तू चाहे जो पढ़ ले,
तू चाहे जो जतन कर ले,
आख़िर अब भी तो दुनिया में
लोगों ने रंग रूप को ही
ऊपर रखा है,
लड़की चाहे कम पढ़ी
लिखी हो फ़िर भी चलेगा ,
लेकिन हो अगर वो उस
चाँद से कम ये कैसे चलेगा,
ले ले तू चाहे कितनी भी डिग्री,
कर ले तू चाहे सब फ़तह ,
अरे तू सांवली है, तेरा रंग
गेहुँआ है,
हां, यहीं सब दुनिया की
हर वो लड़की ने सुना है
अरे कर ले तू चाहे जितनी भी बात,
हां, माप ले तू हमें रंग रूप से हर बार,
हां, हम है सांवले, है हमारा रंग गेहुँआ,
लेकिन आख़िर में हमारे काबिलियत ने
ही हमें,
यहाँ तक के सफ़र में अपना साथी चुना है,
अरे, होगा कोई समझदार,
थोड़ा सा होशियार,
जो न मापेगा हमें हमारे रंग रूप से
हर बार ..
हां, नहीं हूँ मैं वो फेयर
टॉल हेइटेड 5'10 '' वाली लड़की,
लेकिन हूँ मैं ख़ुद में परिपूर्ण
वाली लड़की...!!
ये समाज के लोगों को कब किसी ने
किस्से बनाने से रोका है,
ये पास पड़ोस की आंटियाँ
कहती हैं कि
लगा ले बेटी ये फेयरनेस
वाली क्रीम,
बाकी सब तो धोखा है,
ये लोगों की बातों को
उनके उल जुलूल से सवालातों को,
हमने भी एक कान से सुन कर ,
वहीं पे रोका है,
हो न जाए वो हम पे हावी,
इसलिए ये सारी बातों को
हमने दिल के बाहर ही रोका है,
करेंगे हम भी फ़तेह अपनी
काबिलियत से,
मापेगा कोई ना फ़िर हमें
हमारे रंग रूप से..!!