तू आगे बढ़ चल
तू आगे बढ़ चल


तू आगे बढ़ चल
रूकना नहीं
झुकना नहीं
यह निर्णय करले
कुछ कर गुजरना है तुझे
नया इतिहास रचना है तुझे
तू आगे बढ़ चल।
उगता हुआ सूर्य है तू
अभी सांझ नहीं हुई
अभी तो तेज प्रखर होने को शेष है
निराशा के बादलों को चीरना है तुझे
नयी आशाओं कि किरण जगानी है तुझे
तू आगे बढ़ चल।
कौन कहता है
तू कर नहीं पायेगा
देख तुझ में अपार है शक्ति
मन बना ले बस करके रहूँगा
तब कौन रोक सकता है तुझे
विफलता भी सफलता कि पाठ पढ़ाएगी तुझे
तू आगे बढ़ चल।
यह गगन भी तेरा
यह धरती भी तेरी
यह डगर भी तेरा
और मंजिल भी तेरी
स्वयं से समर कर
>स्वयं को समर्थ बना
तब तेरे हाथ के स्पर्श मात्र से
मिट्टी भी सोना हो जायेगी
कंकर भी शंकर हो जाएंगे
बस समर्थ बनना है तुझे
तू आगे बढ़ चल।
हार के कारण हार मत जा
विजय की हार अभी शेष है
एक बार नहीं बार बार प्रयास कर
दृढ़ निश्चय कि सेतू बना ले
स्वयं पे अटूट विश्वास जगा ले
मरूभूमि में भी जल धारा बहेगी
निष्ठा हो गर तेरे हृदय में
लक्ष्य अपेक्षा करता हुआ मिलेगा तुझे
तू आगे बढ़ चल।
हार जाए जो मस्तिष्क से
सुडौल शरीर भी व्यर्थ है
मन मे गर सच्ची लगन हो तो
क्या है जो हो नहीं सकता
क्या है जो हो नहीं सकता
तू आगे बढ़ चल
तू आगे बढ़ चल।