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Ashutosh Tiwari

Inspirational

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Ashutosh Tiwari

Inspirational

तिरंगा है शान मेरी

तिरंगा है शान मेरी

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तिरंगा है शान मेरी, यही तो है पहचान मेरी

मैं खुद पे इतराता हूँ,

हाथो में थाम तिरंगा जब मैं चलता हूँ

पर्वत को उसकी हद बताता हूँ,

मैं जब उसपर तिरंगा लहराता हूँ

तिरंगा है अभिमान मेरी, तिरंगे पे कुर्बान है जान मेरी


मेरे लहुँ का कतरा कतरा हुंकार भरता है

कर दे कलम सर उसका, जो तिरंगे के खिलाफ उठता है

होंठों पे भारत माँ का नाम है 

जान हथेली पे रख चलता ये जवान है 

यही कफ़न मेरी, है यही मान मेरी

तिरंगा है आन मेरी, यही तो है पहचान मेरी


लिपट जाऊ उससे, ऐसी महक मेरे तिरंगे की

शीष पर्वत सा तन जाये, जयकार सुनू जब तिरंगे की

जय हिंद जय हिंद बोले है, ये जुबा मेरी

तिरंगा है शान मेरी, यही है पहचान मेरी


जय हिंद जय भारत


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