STORYMIRROR

Richa Pitliya

Abstract

3  

Richa Pitliya

Abstract

तीन बंदर

तीन बंदर

1 min
11.8K

गांधी जी के तीन बंदर

होता ना काम उनके बीन


एक बोलता बुरा ना सुनो

दूजा बोलता बुरा ना बोलो


तीजा बोलता बुरा ना देखो

पर गांधी जी को क्या पाता था


लोग भी ऐसे आएँगे

बुरा सुनो बुरा बोलो

बुरा देखो सिखाएँगे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract