तेरा आज तेरे कल में लौटकर फिर
तेरा आज तेरे कल में लौटकर फिर
अस्थिर है जो उसपे, इतराना क्या ?
उसके जाने का शोक मनाना क्या ?
इतिहास खुद को फिर दोहराएगा,
तेरा आज तेरे कल में लौटकर फिर आएगा ...
सूरज हमेशा के
लिए डूबता नहीं, पर चाँद भी हमेशा
के लिए खिलता नहीं
ये नियम खुद को फिर दोहराएगा,
तेरा आज तेरे कल में लौटकर फिर आएगा....
तू लाख कोशिश कर ले, होनी को ना रोक पाएगा
मन में दृढ़ विश्वास रख, तू तर जाएगा।
विश्वास डगमगाया तो, विनाश हो जाएगा
तू आस रख।
तेरा आज तेरे कल में लौटकर फिर आएगा...
जो वक्त के साथ, तेरे साथ ना बदले
तू उसके साथ मत बदल।
और जो बदल जाए, उसके जीवन से निकल चल।
बहुत कम साथी है यहाँ , फिर भी लौटकर
कोई तो जरूर आएगा
तू इंतज़ार कर,
तेरा आज तेरे कल में लौटकर फिर आएगा ...
आज के दुख का शोक कब तक मनाएगा ,
उस पल का इंतज़ार कर जब तू
अपनी ग़लती सुधार पाएगा, सब ठीक कर पाएगा।
उदास मत हो,
तेरा आज तेरे कल में लौटकर फिर आएगा ...
तू काश को संभव बना, तेरा हर सपना सच हो जाएगा
कोई ताने भी दे तो जाने दे कभी तो तेरा भी, वक्त आएगा।
तू निराश ना हो, तेरा आज तेरे कल में लौटकर फिर आएगा .......
नामुमकिन तो क्षितिज भी नहीं,
अगर कोई धरती से आकाश मिलाने आएगा।
औरों में उस कोई को ढूंढेगा तो शायद कभी नहीं पाएगा,
वो कोई तुझमे ही है, इस बात को जान ले।
कोई मौका चूक गया है, तो फिर आ जायेगा तू मेहनत कर
तेरा आज तेरे कल में लौटकर फिर आएगा ....
अगर डर है समय के जाने का,
तो डरना व्यर्थ है तेरा
क्योंकि अपना समय तू खुद बनाएगा ,
काल तेरी चाल नहीं, तू काल को उसकी दिशा दिखाएगा।
पहचान अंदर की आग को जिसके छूने से,
तेरे मन का दीपक जल जाएगा
तू अंधेरों से मत भाग, तेरा उजाला फिर लौटाएगा।
क्योंकि
तेरा आज तेरे कल में लौटकर फिर आएगा . . .
