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Divya Meena

Inspirational

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सफ़र

सफ़र

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 यूं ही नहीं कहा गया है कि 

 सफर जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ 

 इस सफर में अब लड़ाई है ,

 चलते-चलते खुद को बहुत बदलना है ! 

 सफर के साथ तालमेल बैठाकर ,

 स्वयं को बेहतर करना है ।

 वैसे भी कहा गया है ,

 जरा खुलने दो अपनी आंखों के पर्दों को ,

 जीवन एक सफर है बस चलते रहें 

 आप की गति चाहे धीमी ही सही 

 किंतु चलना बंद नहीं करे

 रास्ते भागे जीवन के आगे ,

 जिंदगी से चल कुछ और ही मांगे। 

 क्यों सोचना है जाना कहां ,

 जाएं वही ले जाए जहां,

 बेसब्रियां ,बेसब्रियां। 

 सफ़र खूबसूरत है मंजिल से भी 

 क्यों ना खुश होकर इस सफर का मजा लिया जाए ।

 वैसे भी क्या खूब लिखा है,

 किसी ने कि जो अपने कदमों की

काबिलियत पर विश्वास रखते हैं ,

वही अक्सर मंजिल पर पहुंचते हैं ।

जिंदगी में सफ़र का मजा लेना है 

तो अपने आप को मजबूत बनाओ ,

आत्मविश्वास को अपने साथ रखो।

हमेशा सफ़र से कह दो कि

अभी तो हमने शुरुआत की है

सफ़र चाहे बुरा हो या अच्छा, 

दोनों ही अच्छे होते हैं 

तजुर्बे दोनों से ही मिलते हैं ।

चलते रहे पथ पर चलने में माहिर बन जाए 

या तो मंजिल मिल जाएगी ,

या अच्छा मुसाफ़िर बन जाएंगे ।

                 


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