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madhav jha

Abstract

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madhav jha

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संदेश

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संग तुम्हारे अब जंग जरूरी है, मैंने कर ली है पूरी तैयारी

देता हूं एक अवसर तुम्हें छोड़ दो, करना अब भी बेईमानी


छोड़ो लोभ मद मोह पाखंड ,सबको लेकर तुम साथ चलो

मान लो कहना हमारा, अन्यथा युद्ध के लिए तैयार रहो


समुद्र ने भी नहीं की जब श्री राम की विनती स्वीकार

होकर विवस फिर श्री राम को उठाना पड़ा था हथियार


दुर्योधन भी जब 5 गांव पांडव को देने को ना हुआ तैयार

धर्म की रक्षा के लिए फिर पांडव महाभारत को हुए तैयार


अति कर दी है तुमने सच में अब अपने अत्याचार की

मान लो कहना हमारा वरना प्रतीक्षा करो हमारे वार की।


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