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Pankaj Kumar Srivastava Srivastava

Abstract

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Pankaj Kumar Srivastava Srivastava

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सीख लेता है

सीख लेता है

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हर हाल में जीना सीख लेता है, 

हँस के दुख पीना सीख लेता है।


पंक्षी  स्कूल में दाखिल  नहीं  होते, 

पंक्षी  स्वयं  ही उड़ना सीख लेता है।


आज के तेज रफ्तार जमाने में , 

बच्चा तेजी से बड़़ा होना सीख लेता है।


आफिस में नियम कायदे चलते , 

बाबू नियम बनाना सीख लेता है।


राजनीति पढी सिखायी नहीं जाती, 

छुट भैय्या राजनीति सीख लेेेेता है।


माझी बच्चे को पानी में उतार देता है, 

माझी का बच्चा तैरना सीख लेता है|


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