शहीदों के खून की खुशबू
शहीदों के खून की खुशबू
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शहीदों के खून की खुशबू मिटने नहीं देंगे,
हम अपने परचम को कभी झुकने नहीं देंगे।
हमे लुटने के दर्द का अहसास हो चुका है,
बमुश्किल सम्हले हैं आबरु लुुटने नहीं देंगे।
एक बार बहकावे में घर बाँँट दिया हमने,
अब आँगने में कोई दीवार बनने नहींं देंगे।
दुुुनियाँ में आजादी से बड़ी कोई नेमत नहींं है,
ये शहीदों की अमानत है बिखरने नहींं देेेेगे।
बापूू के चमन में अमन के पंकज खिलेगे ,
हम किसी सैय्याद को बसेरा करने नहींं देंगे।
आजाद फजाओ में फहरायेगा तिरंगा,
हम अपने परचम की साँँस घुुटने नहीं देगा।