अभी परेशानी बहुत है
अभी परेशानी बहुत है
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जरा ठहरो समझने तो दो,
अभी बदगुमानी बहुुत है।
वहाँ नये अमीर लोग रहते है,
वहाँ अभी परेशाानी बहुत है।
हमे हमारे हाल पर जीने दो,
बस इतनी मेेेेहरबानी बहुत है।
उसके सारे गुनाह माफ समझिये,
वो आदमी खनदानी बहुत है।
वो कब से फिकर करने लगे,
उनमें अभी नदानी बहुत है।
जरा सी बात पर उबलने लगे,
लगता है रगों में पानी बहुत है।
सम्हलिये नहीं उड़ा ले जायेगी,
आज हवाएं तूफाानी बहुत है।