शिकायत हैं हमें उन्न वीरों से..
शिकायत हैं हमें उन्न वीरों से..
शिकायत है हमें उन वीरों से,
जो युद्ध में कठोर,
हकीकत में मृदुला कोमल से।
सरफ़रोशी की तम्मना दिल में बसती है जिनके,
राष्ट्रभक्ति जो सिखाते है हमें।
अब चलो आओ शिकायत के मुद्दे पे,
बनकर आते ठंडी हवा ,
जाते भयंकर बवंडर से।
हमें दुखी कर जाना जरूरी है क्या?
एक पल में सुख , फिर शोक दे दिया।
फिर भी समझते है हम तुम्हारी कुरूक्षेत्र में जरूरत,
जाओ टिकते रहना ,
चाहे जितने भी हो शत्रु प्रकट।
गर्व से लेते भारत माता की शपथ
सलाम है तुम्हें , तुम्हीं हो हमारी ज़रूरत।
ठंडी हो या जगह ऊष्ण,
जान दांव पे लगाते हो तुम।
कसम से, हिंदुस्तान की शान हो तुम।
निश्चय और सभ्यता का अनोखा उदाहरण हो तुम,
आखिर साहसी, एक अमर वीर हो तुम!