रहस्यमई सफर
रहस्यमई सफर
जिन्दगी का सफर सबसे रहस्यमई सफर है
कल क्या होगा किसको इसकी खबर है
उतार चढाव वाले रास्ते इम्तिहन लेते हैं
गमों के पहाड़ हैं तो आंसुओं के समंदर हैं
कामनाओं के हसीन गुलशन खिले हुए हैं
मन में मोहमाया के सुंदर उपवन बसे हुए हैं
सौन्दर्य का मेला आकर्षित करता है बरबस
राह में लोभ लालच के अवरोध खड़े हुए हैं
अहम् की खाई लीलने को आतुर हो रही है
ईर्ष्या द्वेष की अग्नि अंदर प्रज्ज्वलित हो रही है
नफरत के शूल बिखरे पड़े हैं चारों दिशाओं में
अनजाने भय से ये डगर असुरक्षित हो रही है
प्रभु के सहारे के बिना सफर कटना कठिन है
काम क्रोध मद लोभ के दलदल से बचना कठिन है
गीता में दिखाये गये मार्ग पर चलना ही पड़ेगा सबको
वरना इस सफर की मंजिल पानी बहुत कठिन है।