Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Manisha Kumari

Abstract

4.5  

Manisha Kumari

Abstract

राष्ट्र सेवा का हिस्सा बनूं

राष्ट्र सेवा का हिस्सा बनूं

1 min
425


रूढ़िवादी प्रथाएं न रोके हमे, 

मूढ़सी मान्यताये न टोके हमे, 

सदा हम सही मार्ग पर ही चले,

जिंदगी भर निरन्तर दीये सा जले।


हर समय हम किसी की भलाई करे,

जिंदगी में न कोई बुराई करे, 

विश्व के लिए एक उदाहरण बनूँ। 

ऐसे ही आदर्श पद नारी बनूँ।।


अशिक्षा, हिंसा, अधर्म से लडू,

 न्याय के प्रश्न में अचल बन अडूं, 

सत्य के साथ हमेशा रहूँ,

ग़लत का विरोध हमेशा करूँ।


सुविचार से भरा मेरा ब्यवहार हो, 

आचरण का हमे श्रेष्ठ आधार हो, 

एक नए भारत युग के लिए हम ढले, 

जिंदगी भर निरन्तर नदियों सा बहे।।


जहाँ चार दीवारों में, ज्ञान ही नही 

साथ भविष्य भी पढ़ाई जाती है।

उसी पद को लेकर किसी आशय का किस्सा बनूँ।

अहंकार न छुए मुझे लेकिन गर्व का एक प्रतीक बनूं।।


किताबों के बाते तो ज्ञान बनकर,

हर जगह लहराया करती हैं।।

मैं जुगनु बस उस जीवन की

जो छात्र की सोच को उजागर करती हैं।।


जिंदगी को प्रकाशित करने में अटुट प्रयास करूँ।

अंधियारा से बिना डरे बिना रुके आगे बढूं।

मैं प्रभा बनू उस तिमिर की,

जो जिंदगी को रौशन करती हैं।।

मैं हौसला बनु उस लड़ाई की उम्मीद की,

जीत की एक नया इतिहास रचूं।


किसी कहानी का किस्सा नही,

किसी जीवन का हिस्सा बनूँ,

कोई किसी भाषा के बंधन में न जकड़े मुझे,

मैं केवल राष्ट्र सेवा का हिस्सा बनूँ।।


हर गरीब दुखिया को भी पढ़ने का अवसर दे पाऊँ, 

हर बच्चें की हाथो में थैला की जगह कलम कॉपी दे पाऊँ।

शिक्षक समाज के रचयिता होते है, वो बात मैं भी सिद्ध कर पाऊँ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract