ज़िंदगी
ज़िंदगी
जिंदगी में भीड़ तो बहुत है लेकिन एक नया राह बनाएंगे,
मंजिल चाहे कितनी भी दूर हो फिर कदम बढ़ाते जाएंगे,
जिंदगी का हर- पल गमले की उस फूल की तरह हैं,
जैसे सजाएंगे वैसे हमारे घर को खुशबू से महकाएंगे,
रोकने वाले बहुत मिलेंगे लेकिन उनको अनदेखा करते जाएंगे,
हर एक इंसान से प्रेरणा लेकर खुद को मजबूत इंसान बनाएंगे,
मुझे किसी से बैर नहीं लेकिन मेरे सपनों के बीच जो आये फिर उनका खैर नहीं,
जिंदगी का हर लम्हा बहुत महत्वपूर्ण हैं उनको यूं ही नहीं गवाएंगे,
जो बीत गया वो बीत गया अब से एक नई शुरुआत होंगी,
ख्वाबों से निकल कर अब हकीकत में मंजिल से मुलाकात होंगी,
चाहें कितनी भी तपती धूप हो कदम कभी नहीं रुकेंगी मेरी,
अपनों के खुशियों के लिए कभी ये आँखें नम नहीं होगी मेरी,
हर एक इच्छाओं को पूरा कर अपनी कामयाबी पाएंगे,
हर एक जिंदगी का जंग जीतकर एक नया इतिहास रचाएंगे,
मेरे लिए भी गूँजेगी तालियों की आवाज चारों तरफ,
कुछ इस तरह से अपनी जिंदगी को रौशन कर जाएंगे ।
